ISRO Chief K Sivan: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) प्रमुख के सिवन ने गुरुवार को कहा कि निजी क्षेत्र को अब रॉकेट एवं उपग्रह बनाने और प्रक्षेपण सेवाएं मुहैया कराने जैसी अंतरिक्ष गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतरग्रहीय मिशन का भी हिस्सा बन सकता है. बता दें कि कैबिनेट ने ग्रहों पर अन्वेषण के मिशन समेत अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बुधवार को अनुमति दी.
सिवन ने कहा कि इसरो की गतिविधियां कम नहीं होंगी और वह उन्नत शोध एवं विकास, अंतरग्रहीय और मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों समेत अंतरिक्ष आधारित गतिविधियां जारी रखेगा. एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि इस मौके अंतरिक्ष क्षेत्र जहां भारत उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी वाले देशों में से एक है. यह भारत के औद्योगिक आधार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
Space sector,where India is among handful of countries with advanced space technology,can play significant role in boosting industrial base of India.Govt's decided to implement reformed measures to leverage ISRO's achievement by opening space sector for pvt enterprises:ISRO chief pic.twitter.com/lhLbCPR1Xv
— ANI (@ANI) June 25, 2020
सरकार ने निजी उद्यमों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र खोलकर इसरो के लिए सुधार उपायों को लागू करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा, लंबे समय तक सामाजिक-आर्थिक सुधार के हिस्से के रूप में, अंतरिक्ष सुधार भारत के विकास के लिए अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं तक पहुंच में सुधार करेंगे. के सिवन ने आगे कहा कि सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की गतिविधियों को अनुमति देने और विनियमित करने के संबंध में स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए एक स्वायत्त नोडल एजेंसी की स्थापना को मंजूरी दी है.
इसका नाम है भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष, संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र. यह अंतरिक्ष प्रयासों में निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा और इसके लिए इसरो अपनी तकनीकी विशेषज्ञता के साथ-साथ सुविधाओं को भी साझा करेगा. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष विभाग, रॉकेट और उपग्रहों के निर्माण और प्रक्षेपण के साथ-साथ वाणिज्यिक आधार पर अंतरिक्ष-आधारित सेवाएं प्रदान करने सहित अंतरिक्ष सेवाओं को प्रदान करने में सक्षम करने के लिए क्षेत्र की अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देगा.
With this, there is an opportunity for large scale employment in the technology sector and India becoming a global technology powerhouse: ISRO Chief K Sivan https://t.co/hR6gPcjZdV
— ANI (@ANI) June 25, 2020
इसरो प्रमुख ने कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में जारी लॉकडाउन की वजह से अंतरिक्ष में मानव को भेजने और चंद्रयान-3 अभियान में देर होने के अलावा इस साल लॉन्च होने वाले 10 अंतरिक्ष अभियानों के बाधित होने की बात कही. उन्होंने कहा कि इसरो अपने अंतरिक्ष अभियानों पर लॉकडाउन के प्रभाव का आकलन करेगा. इसरो प्रमुख ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने 10 लॉन्च की योजना बनाई थी. उन्होंने कहा कि इस महामारी के कारण सब कुछ गड़बड़ हो गया. सभी उद्योगों ने अभी तक काम करना शुरू नहीं किया है. इसलिए पिछले कुछ महीनों में मिशन पर काम बंद हो गया.
Posted By: Utpal kant