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मोदी के मंत्री जॉन बारला की बंगाल विभाजन की मांग, ममता बनर्जी पर अल्पसंख्यकों की अनदेखी का आरोप

बीजेपी के शहीद सम्मान यात्रा के दौरान सिलीगुड़ी में पत्रकारों से बात करते हुए जॉन बारला ने पश्चिम बंगाल के विभाजन की मांग की. इसके पहले भी बीजेपी सांसद जॉन बारला ने उत्तर बंगाल के कई जिलों को मिलाकर एक नया केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से की थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2021 5:27 PM
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पश्चिम बंगाल के विभाजन की मांग फिर से उठने लगी है. पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में केंद्रीय राज्य मंत्री जॉन बारला ने बंगाल के विभाजन की मांग की है. उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर राज्य के अल्पसंख्यकों की अनदेखी का आरोप भी लगाया है. मंगलवार को बीजेपी के शहीद सम्मान यात्रा के दौरान सिलीगुड़ी में पत्रकारों से बात करते हुए जॉन बारला ने पश्चिम बंगाल के विभाजन की मांग की. इसके पहले भी बीजेपी सांसद जॉन बारला ने उत्तर बंगाल के कई जिलों को मिलाकर एक नया केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से की थी.

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शहीद सम्मान यात्रा को लेकर सिलीगुड़ी पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री जॉन बारला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उत्तर बंगाल को एक अलग राज्य के रूप में देखने की तमन्ना यहां के लोगों की है. यह उत्तर बंगाल के लोगों की आवाज है. अलग राज्य बनाने के लिए चर्चा की जाएगी. इस मुद्दे को उचित मंच पर उठाया जाएगा. जॉन बारला केंद्रीय राज्यमंत्री बनने से पहले भी उत्तर बंगाल को एक अलग राज्य के रूप में बनाने की मांग करते रहे हैं. कुछ दिनों पहले भी जॉन बारला ने दार्जीलिंग, कलिम्पोंग और उत्तर बंगाल के जिलों को मिलाकर अलग राज्य बनाने की मांग की थी.

अलीपुरदुआर के बीजेपी सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री जॉन बारला का आरोप है ममता बनर्जी सरकार ने पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यकों के लिए कुछ भी नहीं किया है. उनका इस्तेमाल सिर्फ वोट लेने के लिए किया गया है. दार्जिलिंग, कलिम्पोंग समेत पूरा उत्तर बंगाल विकास का इंतजार कर रहा है. उत्तर बंगाल से ममता बनर्जी ने धोखा किया है. उन्होंने कहा ममता बनर्जी प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रही हैं. लेकिन, 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी सभी 42 सीटों पर जीत हासिल करेगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का प्रधानमंत्री बनने का सपना कभी पूरा नहीं होगा.

बंगाल बीजेपी दार्जीलिंग, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग, अलीपुरदुआर, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर को मिलाकर केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग कर रही है. बीजेपी का दावा है कि नए केंद्रशासित प्रदेश के बनने से बांग्लादेश और नेपाल की सीमा से बंगाल में घुसपैठ को रोका जा सकता है. वहीं, चीन सी लगी बंगाल की सीमा पर सुरक्षा को और बेहतर करने में मदद मिलेगी. बता दें मोदी सरकार ने 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर राज्य को तीन भागों में बांटा था. उसके बाद से बीजेपी पश्चिम बंगाल को भी उसी तर्ज पर बांटने की मांग करती रही है.

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पिछले दिनों प्रभात खबर से बात करते हुए बीजेपी सांसद जॉन बारला ने कई सवाल किए थे कि जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को खत्म किया जा सकता है, तीन तलाक खत्म हो सकता है तो उत्तर बंगाल अलग राज्य क्यों नहीं बन सकता है? उसे केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा क्यों नहीं दिया जा सकता है? अगर पश्चिम बंगाल को देखें तो यहां गोरखालैंड और कामतापुरी बनाने की मांग उठती रही है. हालांकि, हिल काउंसिल बनाकर दार्जीलिंग और कलिम्पोंग के आंदोलन को दबा दिया गया था. अब, बीजेपी उत्तर बंगाल को एक अलग राज्य बनाने की मांग करने लगी है.

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