मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. जिसमें उन्होंने टिप्पणी पर माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया है. राहुल गांधी ने अपने हलफनामा में कहा कि उन्होंने हमेशा कहा है कि वह अपराध के लिए दोषी नहीं हैं और इसलिए उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाया जाए.
मोदी सरनेम टिप्पणी मामले में माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता : राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में साफ कर दिया है कि टिप्पणी के लिए माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने हमेशा कहा है कि वह अपराध के लिए दोषी नहीं हैं और दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं है. अगर उन्हें माफी मांगनी होती और अपराध को कम कराना होता, तो उन्होंने बहुत पहले ही ऐसा कर लिया होता.
शिकायतकर्ता ने घमंडी शब्द का किया प्रयोग
राहुल गांधी ने अपने हलफनामे में कहा कि शिकायतकर्ता गुजरात भाजपा विधायक पूर्णेश ईश्वरभाई मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपने जवाब में उन्हें इस वजह से घमंडी कहा क्योंकि उन्होंने माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया था.
‘Modi surname’ remark defamation case | Congress leader Rahul Gandhi tells Supreme Court that he has always maintained that he is not guilty of offence and that the conviction is unsustainable and if he had to apologise and compound the offence, he would have done it much… pic.twitter.com/SZk3hNfvw4
— ANI (@ANI) August 2, 2023
बिना गलती माफी मांगने के लिए मजबूर करना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग : राहुल गांधी
राहुल गांधी के हलफनामे में कहा कि ‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स ऐक्ट की आपराधिक प्रक्रिया और नियमों का इस्तेमाल करके बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए मजबूर करना न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि इस मांग को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.
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राहुल गांधी ने सजा पर रोक लगाने की मांग की
राहुल गांधी ने अपने हलफनामे में कहा कि अपराध की मामूली प्रवृति को देखते हुए इस केस को अपवाद माना जाए. उन्होंने यह भी कहा कि यह भी ध्यान में रखा जाए कि एक सांसद के रूप में उन्हें जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती है. उन्होंने अपने हलफनामे में कहा, उनके बयान से याचिकाकर्ता को किसी तरह की हानि नहीं हुई है. ऐसे में उनकी सजा पर रोक लगाई जाए ताकि वह मौजूदा लोकसभा की बैठकों और आगामी सत्रों में हिस्सा ले सकें.
मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा
गौरतलब है कि मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को दोषी पाया. कोर्ट से सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता भी समाप्त हो गयी. उनसे सरकारी आवास भी छीन लिया गया. हालांकि राहुल गांधी ने सजा को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. उसके बाद कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
राहुल को मिली पेशी से अंतरिम राहत की अवधि 26 सितंबर तक बढ़ी
बंबई हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वर्ष 2018 की कथित अपमानजनक टिप्पणी से संबंधित मानहानि की एक शिकायत के सिलसिले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक स्थानीय अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने से मिली अंतरिम राहत की अवधि बुधवार को 26 सितंबर तक बढ़ा दी. जस्टिस एस वी कोतवाल की एकल पीठ ने 2021 में स्थानीय अदालत द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली गांधी की याचिका पर सुनवाई 26 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी. स्थानीय अदालत ने महेश श्रीमल की ओर से दायर मानहानि की एक शिकायत पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पेश होने का निर्देश दिया था.
राफेल सौदे पर राहुल गांधी ने टिप्पणी करते हुए पीएम मोदी को कमांडर-इन-थीफ कहा था
गौरतलब है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे के संदर्भ में 2018 में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ गांधी की कमांडर-इन-थीफ टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज की गई थी. इसके बाद गांधी ने अपने खिलाफ जारी समन को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसके बाद अदालत ने नवंबर 2021 में मजिस्ट्रेट को मानहानि की शिकायत पर सुनवाई टालने का निर्देश दिया था, जिसका अर्थ था कि कांग्रेस नेता को मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने की आवश्यकता नहीं होगी. शिकायतकर्ता का आरोप था कि सितंबर, 2018 में गांधी ने राजस्थान में एक रैली की थी और इस दौरान उन्होंने मोदी के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए थे.