मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सूरत कोर्ट 20 अप्रैल को अपना फैसला सुनायेगा. 2019 के मानहानि मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने दो साल की सजा सुनायी है. जिसे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने चुनौती दी है.
राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट में कहा, सुनवाई निष्पक्ष नहीं हुई
राहुल गांधी के वकील ने गुजरात में सूरत की एक अदालत में दलील दी कि मोदी उपनाम संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता के खिलाफ दर्ज मानहानि के मुकदमे में सुनवाई निष्पक्ष नहीं थी और इस मामले में अधिकतम सजा दिए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है. मानहानि मामले में गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान वकील ने यह तर्क दिया.
राहुल गांधी के वकील ने राहुल गांधी के खिलाफ सुनवाई पर उठाया सवाल
राहुल गांधी की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील आर एस चीमा ने न्यायाधीश से कहा कि सुनवाई निष्पक्ष नहीं हुई. उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट का आदेश अजीब है, क्योंकि निचली अदालत के न्यायाधीश ने रिकॉर्ड में उपलब्ध सभी सबूतों का घालमेल कर दिया. चीमा ने गांधी की ओर से कहा, यह निष्पक्ष सुनवाई नहीं थी. पूरा मामला इलेक्ट्रॉनिक सबूत पर आधारित है, जिसमें मैंने चुनाव के दौरान एक भाषण दिया और 100 किलोमीटर दूर बैठे एक व्यक्ति ने समाचारों में इसे देखने के बाद शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में अधिकतम सजा दिए जाने की आवश्यकता नहीं थी.
Gujarat | Surat Court to pass order on an interim application filed by Congress leader Rahul Gandhi seeking stay on his conviction in 2019 defamation case on 'Modi surname' remark on April 20 https://t.co/MAKdqlwVku
— ANI (@ANI) April 13, 2023
मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा
गौरतलब है कि सूरत में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की एक अदालत ने 13 अप्रैल, 2019 को एक चुनावी रैली में की गई मोदी उपनाम संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि के मामले में उन्हें 23 मार्च को दोषी ठहराते हुए दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी. राहुल ने चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करते हुए मोदी सरनेम पर विवादास्पद टिप्पणी कर दी थी.
बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ किया था केस
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एवं शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने इसी अदालत में पहले दाखिल किए गए अपने जवाब में राहुल गांधी की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि कांग्रेस नेता बार-बार अपराध करते हैं और उन्हें अपमानजनक बयान देने की आदत है.