Mohan Bhagwat ने The Kashmir Files को सराहा, बोले- घाटी में जल्द लौट सकेंगे विस्थापित कश्मीरी पंडित
Mohan Bhagwat on The Kashmir Files नवरेह महोत्सव में कश्मीरी पंडितों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि कश्मीरी पंडित जल्द ही घाटी में अपने घरों को लौट सकेंगे.
Mohan Bhagwat on The Kashmir Files नवरेह महोत्सव में कश्मीरी पंडितों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने रविवार को कहा कि कश्मीरी पंडित जल्द ही घाटी में अपने घरों को लौट सकेंगे. आरएसएस के चीफ मोहन भागवत ने जोर दिया कि घाटी में अनुकूल माहौल बनाने के लिए काम किया जा रहा है, ताकि कश्मीरी पंडित फिर कभी विस्थापित न हों.
द कश्मीर फाइल्स की प्रशंसा करते हुए मोहन भागवत ने कहा…
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कश्मीरी हिंदुओं को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं. द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) मूवी की प्रशंसा करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि इसने 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के पीछे की वास्तविकता के बारे में देश भर में और बाहर जन-जागरूकता पैदा की है. भागवत ने कहा कि द कश्मीर फाइल्स फिल्म ने दुनिया के सामने कश्मीरी पंडितों की वास्तविकता को सामने लाया है. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने से पंडितों की कश्मीर घाटी में वापसी का रास्ता खुल गया. उन्होंने कहा कि ऐसा माहौल बनाने के लिए काम चल रहा है, जहां आप पहले की तरह अपने पड़ोसियों के साथ सुरक्षित महसूस करेंगे और शांति से रहेंगे और कोई भी आपको वहां से नहीं हटा पाएगा.
घाटी में लौटने के कश्मीरी पंडितों का संकल्प जल्द होगा पूरा
तीन दिवसीय नवरेह उत्सव के अंतिम दिन कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कश्मीर घाटी में उनके घर को लौटने के संकल्प को पूरा करने का समय आ गया है. मोहन भागवत ने अपने आधे घंटे से अधिक के भाषण में कहा कि घाटी में लौटने के हमारे संकल्प को पूरा होने में ज्यादा दिन नहीं लगेंगे. यह बहुत जल्द साकार हो जाएगा और हमें इस दिशा में प्रयास जारी रखना होगा. हमारा इतिहास और हमारे महान नेता हम सभी के लिए मार्गदर्शक रहेंगे और प्रेरणा देंगे.
हम हार नहीं मानेंगे और…
अपने संबोधन के दौरान वर्ष 2011 में दिल्ली में कश्मीरी पंडितों के उत्सव हेराथ (Shivratri) में अपनी भागीदारी का उल्लेख करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि समुदाय ने इस अवसर पर प्रतिज्ञा की थी कि वे अपनी मातृभमि पर लौटेंगे. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हर किसी के जीवन में चुनौतियां आती हैं. हम ऐसी स्थिति में हैं जहां तीन-चार दशक पहले हम अपने ही देश में विस्थापित हुए थे. समाधान क्या है? उन्होंने साथ ही कहा कि हम हार नहीं मानेंगे और अपने घरों को लौटकर अपनी प्रतिज्ञा को पूरा होते देखेंगे.
मातृभूमि को नहीं भूल सकते
इजराइल का जिक्र करते हुए आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा कि यहूदियों ने अपनी मातृभूमि के लिए 1800 वर्षों तक संघर्ष किया. उन्होंने कहा कि 1700 वर्षों में उनके द्वारा अपनी प्रतिज्ञा के लिए बहुत कुछ नहीं किया गया था, लेकिन पिछले 100 वर्षों में इजराइल के इतिहास ने इसे अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हुए देखा और दुनिया के अग्रणी देशों में से एक बन गया. उन्होंने कहा कि हमें यानि कश्मीरी पंडितों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहना पड़ा है, इस तथ्य के बावजूद कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. हम कहीं भी रह सकते हैं, लेकिन हम अपनी मातृभूमि को नहीं भूल सकते.