हिंदुत्व देश को जोड़ने वाली विचारधारा है और इसी को धर्म कहते हैं. जिन लोगों को एकजुट देश पसंद नहीं है वे इसे पूजा पद्धति के आधार पर विभाजित करते हैं जबकि हिंदुत्व का अर्थ है एकजुटता. वीर सावरकर इसी को हिंदुत्व कहते थे.
Aajtak के अनुसार मोहन भागवत ने कहा कि आजादी के बाद से देश में वीर सावरकर को बदनाम करने की साजिश चल रही है. वीर सावरकर पर आधारित एक पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आज देश में लोगों को वीर सावरकर के बारे में बहुत कम जानकारी है.
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वीर सावरकर और संघ को बदनाम करने की साजिश देश में हो रही है, कुछ दिनों में स्वामी विवेकानंद को भी बदनाम किया जायेगा. संभव है उसके बाद स्वामी दयानंद और स्वामी अरविंद का नंबर आये.
आज वीर सावरकर का हिंदुत्व, स्वामी विवेकानंद का हिंदुत्व ऐसा बोलने का फैशन हो गया है, जबकि सच्चाई यह है कि हिंदुत्व एक है और आज नहीं जन्मा यह पहले से है. आज जितना जोर से इन बातों को कहा जा रहा है अगर जोर से आजादी के वक्त बोलते तो देश का विभाजन नहीं होता. जो यह कहते हैं कि 2014 के बाद वीर सावरकर का युग आ गया है, वे सही कह रहे हैं. आज देश में सबको भागीदारी मिल रही है हम एकजुट हो रहे हैं और यही हिंदुत्व है.
Posted By : Rajneesh Anand