नेताजी ने कभी अपने लोगों से झगड़ा नहीं किया, बल्कि देश को एकसूत्र में बांधा : मोहन भागवत

अंग्रेजों को कड़ी टक्कर दी, लेकिन कभी अपने लोगों से उनका विवाद नहीं हुआ. उन्होंने दिखाया था कि देशभक्ति क्या होती है. उन्होंने आजीवन देश के लिए काम किया और अपना सर्वस्व निछावर किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2022 7:34 PM

नेता जी की 125वीं जयंती पर उन्हें याद करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस ने अपनी दृढ़इच्छाशक्ति से अंग्रेजों से लोहा लिया. मोहन भागवत ने कहा कि नेता जी के अंदर आध्यात्मिक प्रेरणा थी जिसकी बदौलत वे अंग्रेजों से लोहा ले सके.

उन्होंने अंग्रेजों को कड़ी टक्कर दी, लेकिन कभी अपने लोगों से उनका विवाद नहीं हुआ. उन्होंने दिखाया था कि देशभक्ति क्या होती है. उन्होंने आजीवन देश के लिए काम किया और अपना सर्वस्व निछावर किया. उनका अपने लोगों ने मतभेद था, लेकिन उन्होंने कभी झगड़ा नहीं किया.

वे कांग्रेस अध्यक्ष चुने गये थे, लेकिन गांधीजी और उनके बीच मतभेद थे. गांधी जी यह नहीं चाहते थे कि सुभाषचंद्र बोस कांग्रेस के अध्यक्ष बनें, लेकिन बहुमत नेताजी के साथ था, वे चुनाव जीत गये. उस वक्त गांधी जी ने पट्टाभि सीतारमैया की हार को अपनी हार बताया था, यह सुनकर सुभाष बाबू ने पद त्याग दिया. उन्होंने गांधी जी से झगड़ा नहीं किया.

सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों के साथ युद्ध किया, लेकिन उनकी हमेशा यही कोशिश रही कि वे पूरे देश को एकसूत्र में बांधें. आज उनकी जयंती के अवसर पर हमें ऐसे ही नेता और उनके विचारों की जरूरत है, ताकि पूरा देश एक सूत्र में बंधा रहे.

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