गणतंत्र दिवस पर बोले मोहन भागवत-भारत ने विश्व को भाईचारे का संदेश दिया
भागवत ने यह भी कहा कि तिरंगे झंडे में शीर्ष पर मौजूद केसरिया रंग साहस, बलिदान और जोश को प्रदर्शित करता है. उन्होंने कहा कि ये विशेषताएं भारत के प्राचीन काल के शासकों और स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन एवं दर्शन में देखी जा सकती हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)के प्रमुख मोहन भागवत ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस मौके पर मोहन भागवत ने कहा भारत एक शांतिप्रिय देश है और हमारा देश पूरे विश्व में भाईचारा तथा सौहार्द का संदेश फैलाता रहा है.
केसरिया रंग साहस और जोश का प्रतीक
भागवत ने यह भी कहा कि तिरंगे झंडे में शीर्ष पर मौजूद केसरिया रंग साहस, बलिदान और जोश को प्रदर्शित करता है. उन्होंने कहा कि ये विशेषताएं भारत के प्राचीन काल के शासकों और स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन एवं दर्शन में देखी जा सकती हैं.
झंडे का हरा रंग प्रगति का प्रतीक
इस मौके पर मोहन भागवत ने कहा कि झंडे का निचले हिस्सा जो हरे रंग का वह प्रगति का प्रतीक बताया है. उन्होंने कहा, प्राचीन काल से ही भारत आध्यात्मिक देश रहा है, झंडे के बीच में धर्मचक्र भारत के लोगों द्वारा अनुकरण किये जाने वाले सामाजिक-सांस्कृतिक दर्शन के महत्व को दर्शाता है.
भारत में प्रकृति की पूजा का विधान
मोहन भागवत ने कहा कि भारत में प्रकृति की पूजा होती है. आरएएस प्रमुख ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र सही मायने में भारत के प्राचीन गणराज्यों में जीवन एवं दर्शन में प्रदर्शित हुआ था.
प्राचीन गणराज्य हैं आदर्श
इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत के प्राचीन गणराज्यों में जीवन एवं दर्शन में लोकतंत्र सही मायने में प्रदर्शित हुआ था. आज भारत के लोकतंत्र को वैशाली, लिच्छवी जैसे प्राचीन गणराज्यों की लोकतांत्रिक प्रणाली के अनुरूप ही गौरवान्वित करना चाहिए.
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