Money Laundering Case: ED की बड़ी कार्रवाई, TRS सांसद और उनके परिवार से जुड़ी 80.65 करोड़ की संपत्ति जब्त
Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए टीआरएस सांसद एन नागेश्वर राव, मधुकॉन समूह की 80 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक की संपत्ति जब्त की है.
Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए टीआरएस (TRS) सांसद एन नागेश्वर राव, मधुकॉन समूह की 80 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक की संपत्ति जब्त की है. ईडी ने यह कार्रवाई रांची एक्सप्रेसवे लिमिटेड, मधुकॉन प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, इसके निदेशक, प्रमोटरों और एजेंसी के खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की है.
80.65 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त
प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उसने कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के लोकसभा सदस्य एन नागेश्वर राव एवं उनके परिवार के सदस्यों की 80.65 करोड़ रुपये मूल्य की 28 अचल एवं अन्य संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त की है. ईडी ने कहा कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से संबद्ध है.
ED arrested one of the key conspirators, Himanshu Verma, in the Rs 1,257 crores Syndicate Bank loan fraudulent case on October 15; a special court in Jaipur remanded him to ED custody till October 25. His various properties worth Rs 14.88 crores have been attached: ED
— ANI (@ANI) October 17, 2022
जानिए टीआरएस सांसद पर क्या है आरोप
टीआरएस सांसद नागेश्वर राव मधुकॉन समूह की कंपनी के प्रवर्तक एवं निदेशक हैं. उन्होंने उस बैंक लोन की व्यक्तिगत गारंटी ली थी, जिसे रांची एक्सप्रेसवे लिमिटेड द्वारा नहीं चुकाया गया. प्रवर्तन निदेशालय ने हैदराबाद, खम्मम और प्रकाशम जिलों में 67.08 करोड़ रुपये की संपत्ति के अलावा मधुकॉन प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, मधुकॉन ग्रेनाइट्स लिमिटेड और मधुकॉन समूह की अन्य कंपनी में नागेश्वर राव एवं उनके परिवार के सदस्यों की अंशधारिता सहित 13.57 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. ईडी ने कुल 80.65 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है.
इससे पहले भी हुई थी कार्रवाई
इससे पहले, जुलाई 2022 में ईडी ने मधुकॉन समूह से जुड़ी और टीआरएस सांसद सहित समूह के निदेशकों एवं प्रवर्तकों से संबद्ध 73.74 करोड़ रुपये मूल्य की 105 अचल संपत्ति कुर्क की थी. प्रवर्तन निदेशालय ने रांची एक्सप्रेसवे लिमिटेड द्वारा लिए गये बैंक लोन से 361.29 करोड़ रुपये की हेराफेरी होने का पता लगाया था.