money laundering, hawala racket: दुनिया के सबसे बड़े हवाला रैकेट का मास्टरमाइंड जिसे अमेरिका-ब्रिटेन सहित छह देशों की पुलिस तलाश कर रही थी, उसे भारत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दबोच लिया है. उस पर आरोप है कि उसने बीते 5-6 साल में गैरकानूनी तरीके से करीब एक लाख करोड़ रुपये इधर से उधर किए. अंडरवर्ल्ड, बिजनेसमैन, ड्रग माफिया, और दूसरे तरह के क्रिमिनल नेटवर्क के पैसे को मैनेज करने के आरोपी हवाला किंग का नाम नरेश कुमार जैन है.
एचटी की रिपोर्ट की मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग जांच के मामले में नरेश को अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, स्पेन, हॉलेंड औऱ यूएई की पुलिस तलाश रही थी. ईडी ने ऐसे 942 बैंक एकाउंट और 554 शेल कंपनियों की पहचान की है जिसे नरेश कुमार जैन अवैध लेनदेन के लिए इस्तेमाल करता था.
इसके साथ ही कम से कम 337 ऐसे विदेशी बैंक खातों की भी पहचान की गई है जिसमें बड़ी मात्रा में रुपयों का लेनदेन हुआ है. ये विदेश खाते सबसे ज्यादा हॉंगकॉंग, दुबई और सिंगापुर में खोले गए हैं. ईडी ने अभी तक 970 ऐसे लोगों की पहचान की है जो अपने काले पैसे को नरेश के सहयोग से व्हाइट मनी में बदलते थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे लोगों में कॉर्पोरेट जगत के बड़े नाम् शामिल हैं. दिल्ली का 61 साल का यह व्यापारी जांच एजेंसियों की रडार में 2016 से था. 2018 में उसके रोहिणी ओर विकासपुरी स्थित प्रतिष्ठानों पर छापेमारी भी की गई थी. वह मूलरूप से हरियाणा के पानिपत का रहने वाला है. अधिकारी ने कहा कि जैन ने प्रतिबंधित नेटवर्क को वित्तपोषित किया था और उसे पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने भी गिरफ्तार किया था.
ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग केस एनसीबी की शिकायत के आधार पर है. अधिकारी ने दावा किया कि जैन कथित रूप से हवाला चैनल के जरिए फंड ट्रांसफर करने का एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट चलाता है. वह इस कार्य को फर्जी कंपनी, टूर एंड ट्रेवल कंपनी और अपने बैंकिंग नेटवर्क के जरिए अंजाम देता था.
बता दें कि हाल ही में चीनी नागरिकों द्वारा शैल कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपये का हेरफेर करने का मामला सामने आया था. शैल कंपनियों की आड़ में हवाला कारोबार के जरिए 1000 करोड़ का लेनदेन करने वाली चीनी कपंनियों और चीनी नागरिकों पर आयकर विभाग ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की थी. इस मामले में एक चीनी नागरिक भी पकड़ा गया था.
Posted By: Utpal kant