Monkeypox: कोविड-19 के कहर से संभलने में जुटे दुनिया के कई देशों को अब मंकीपॉक्स वायरस डराने लगा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अब तक इजराइल, अमेरिका, कनाडा, स्पेन, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, और ऑस्ट्रेलिया समेत एक दर्जन देशों में मंकीपॉक्स के करीब 90 से ज्यादा मामलों की पुष्टि की है. भारत में भी इस नई और दुर्लभ बीमारी को लेकर सरकार अलर्ट मोड में आ गई है. वहीं, इस बीमारी को लेकर एक्सपर्ट भी अपनी राय रख रहे है.
मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखकर तमाम तरह की आशंकाओं को बल मिलने लगा है. इस बात की चर्चा भी जोर पकड़ रही है कि क्या ये बीमारी भी आगे चलकर महामारी का रूप ले लेगी. दरअसल, मंकीपॉक्स को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी चिंता जताते हुए कहा है कि इस बीमारी से संक्रमित मरीजों की संख्या में अचानक तेजी आना चिंता का विषय है. हालांकि, अमेरिका में शीर्ष हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि इससे दुनिया में कोरोना जैसी महामारी नहीं होगी.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड अपर चेसापीक हेल्थ के वाइस प्रेसिडेंट और चीफ क्वालिटी ऑफिसर डॉ. फहीम यूनुस ने कहा कि मंकीपॉक्स के मामले चिंताजनक हैं. हालांकि, इसके कोरोना वायरस जैसी महामारी होने का जोखिम शून्य के बराबर है. उन्होंने कहा कि शार्क-कोव-2 के विपरीत मंकीपॉक्स वायरस नोवेल नहीं है. उन्होंने कहा कि दुनिया दशकों से मंकीपॉक्स के बारे में जानती है और इस बीमारी की बेहतर समझ रखती है. ये परिवार में चेचक के समान वायरस है. डॉ. फहीम ने आगे कहा कि मंकीपॉक्स वायरस आमतौर पर घातक नहीं होता है. इसके अलावा, कोविड-19 से कम संक्रामक होता है.
डॉ. फहीम यूनुस ने कहा कि सबसे ज्यादा आश्वस्त करने वाली बात यह है कि कोविड-19 से अलग इस बीमारी के लिए एक टीका है, जो बीमारी से बचाने में मदद करता है. इसका इलाज खोजने में दुनिया को एक साल से ज्यादा का वक्त लगा था. फिलहाल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने लोगों को भरोसा दिलाया कि मंकीपॉक्स से से कोरोना जैसे हालात नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मंकीपॉक्स का स्तर कोरोना की तरह भयानक होगा. बाइडेन ने कहा कि चेचक का टीका मंकीपॉक्स के लिए काम करता है. अमेरिका के पास मंकीपॉक्स से निपटने के लिए टीके का पर्याप्त स्टॉक पर बाइडेन ने कहा, मुझे लगता है कि हमारे पास किसी समस्या की संभावना से निपटने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है.
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक प्रमुख सलाहकार ने विकसित देशों में मंकीपॉक्स का अभूतपूर्व प्रकोप एक रेंडम घटना के रूप में बताया. इसके यूरोप में हाल ही में दो लहरों में सेक्सुअल कॉन्टेक्ट के कारण होने की आशंका जताई है. WHO के इमरजेंसी डिपार्टमेंट के पूर्व प्रमुख डॉ. डेविड हेमैन ने बताया कि मंकीपॉक्स इंसानों में यौन गतिविधियों के जरिए ज्यादा फैल रहा है और इस कारण दुनियाभर में इसके मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि समलैंगिक पुरुषों में मंकीपॉक्स के संक्रमण फैलने की वजह स्पेन और बेल्जियम में हुई दो रेव पार्टीज हो सकती हैं.
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