देश में मंकीपॉक्स का कहर दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है. अब इस बीमारी से एक मरीज की मौत हो गई है. जिसके बाद देश में मंकीपॉक्स से ये पहली मौत बताई जा रही है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि युवक यूएई में ही मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया था. जिसके बाद बीते 21 जुलाई को ये केरल लौटा. बाद में बीते 27 जुलाई को गंभीर थकान और दिमागी बुखार के कारण उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने उसके नमूने केरल में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की अलाप्पुझा इकाई को भेजे हैं.
जानकारी के अनुसार त्रिशूर के पुन्नियूर के मूल निवासी 22 वर्षीय युवक की संयुक्त अरब अमीरात से लौटने के कुछ दिनों बाद एक निजी अस्पताल में मौत हो गई. स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, केरल लौटे युवक की यूएई में ही मंकीपॉक्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी. बावजूद इसके वह भारत लौटा. स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि उसके सैंपल की रिपोर्ट अब तक आई नहीं है. उन्होंने कहा कि मरीज युवा था और उसे कोई और बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी कोई अन्य दिक्कत नहीं थी, उन्हें इंसेफेलाइटिस और थकान के लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मंत्री ने कहा, मौत की उच्च-स्तरीय जांच की जाएगी क्योंकि मंकीपॉक्स की मृत्यु दर बहुत कम है.
The patient who died in Kerala had tested positive for Monkeypox in UAE. He arrived in India on 22nd July & was admitted to a hospital on 27th July after again testing positive for Monkeypox disease: Official sources
— ANI (@ANI) August 1, 2022
मंकीपॉक्स एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में अब सभी जानना चाहते हैं. यह धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अब परेशान करने लगा है. इस बीच स्वास्थ्य पेशेवरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि मंकीपॉक्स यौन अभिवृति या नस्ल की परवाह किये बिना करीबी शारीरिक संपर्क से फैल सकता है और इसके प्रसार के लिए पूरे एलजीबीटीक्यू समुदाय को बलि का बकरा बनाना एड्स महामारी के दौरान की गयी गलती की पुनरावृत्ति होगी.
Also Read: मंकीपॉक्स और चिकनपॉक्स को लेकर दूर कर लें कंफ्यूज, डॉक्टरों ने बताया अलग हैं दोनों बीमारी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ अनमोल सिंह ने कहा कि एक जोखिम यह भी है कि लोग अब समुदाय से दूरी बनाना शुरू कर देंगे, जो उनमें अकेलेपन को बढ़ावा देगा. स्वास्थ्य पेशेवरों ने यह भी स्पष्ट किया कि मंकीपॉक्स, यौन अभिविन्यास या नस्ल की परवाह किये बिना करीबी शारीरिक संपर्क से फैल सकता है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में त्वचा विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ सोमेश गुप्ता ने कहा कि कोविड महामारी ने मुख्यधारा के मीडिया को स्वास्थ्य क्षेत्र में नवीनतम विकास पर रिपोर्ट करने के लिए प्रेरित किया है. उन्होंने कहा, लेकिन, एक चिकित्सा पेशेवर की समझ के अभाव में यह सनसनी फैलाने का हथियार बन जाता है. गुप्ता ने कहा कि ऐसा एक बार फिर हो रहा है, इस समय मंकीपॉक्स के मामले में, एक ऐसी बीमारी जो केवल यौन संबंधों से ही नहीं बल्कि साफ तौर पर त्वचा से त्वचा और त्वचा से कपड़े के करीबी संपर्क से भी फैलती है.