Monkeypox Alert: देश में मंकीपॉक्स से हुई मौत के बाद हो जाए सतर्क, नहीं तो चुकानी पड़ सकती है भारी कीमत

देश में मंकीपॉक्स से एक युवा की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि उसे कोई भी भारी लक्षण नहीं थे. ऐसे में अब सभी को सावधानी रहने की जरुरत है, क्योंकि आपकी एक गलती, आप पर ही भारी पड़ सकती है. ये गलती आपकी जान पर भी पड़ सकता है. ऐसे में जब तक इसका कोई इलाज न आए, तब तक जितना हो सकें सावधानी बरतें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2022 3:53 PM
an image

भारत में मंकीपॉक्स दिनों-दिन डरावना होते जा रहे है. जहां आज इस बीमारी से पहली मौत दर्ज की गई. जानकारी के अनुसार त्रिशूर के पुन्नियूर के मूल निवासी 22 वर्षीय युवक की संयुक्त अरब अमीरात से लौटने के कुछ दिनों बाद एक निजी अस्पताल में मौत हो गई. अब अधिकारियों ने सतर्कता के तौर पर त्रिशूर में बीस लोगों को क्वारंटाइन किया गया है. शिक्षा और स्वास्थ्य स्थायी समिति के सदस्य रेंजिनी ने कहा, “स्थिति अच्छी तरह से नियंत्रण में है, अभी यहां कोई घबराहट नहीं है. उस व्यक्ति के परिवार के सदस्यों और कुछ दोस्तों सहित केवल 10 लोगों के साथ सीधा संपर्क था. जिसके बाद अब तक 20 लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया है.”

कैसे फैलता है मंकीपॉक्स

मंकीपॉक्स एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में अब सभी जानना चाहते हैं. यह धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अब परेशान करने लगा है. इस बीच स्वास्थ्य पेशेवरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि मंकीपॉक्स यौन अभिवृति या नस्ल की परवाह किये बिना करीबी शारीरिक संपर्क से फैल सकता है और इसके प्रसार के लिए पूरे एलजीबीटीक्यू समुदाय को बलि का बकरा बनाना एड्स महामारी के दौरान की गयी गलती की पुनरावृत्ति होगी.

मंकीपॉक्स के खतरनाक लक्षण

सीडीसी के अनुसार मंकीपॉक्स के लक्षण चिकनपॉक्स की तरह ही होते हैं. ये ज्यादा खतरनाक नहीं है. आइए जानते है क्या है मंकीपॉक्स के लक्षण

सिरदर्द

बुखार

लिंफ नोड्स में सूजन

शरीर में दर्द और कमर दर्द

ठंड लगना

थकान महसूस करना

चेहरे और मुंह के अंदर छाले होना

हाथ-पैर में रैशेज होना

Also Read: Monkeypox Death: देश में मंकीपॉक्स से पहली मौत, केरल लौटे युवक की UAE में ही रिपोर्ट आयी थी पॉजिटिव
1970 में आया था पहला मामला

मंकीपॉक्स की खोज 1958 में हुई थी, जब शोध के लिए रखे गए बंदरों की कॉलोनियों में चेचक जैसी बीमारी के दो प्रकोप हुए थे. “मंकीपॉक्स” नाम होने के बावजूद, बीमारी का स्रोत अज्ञात है. मानव मंकीपॉक्स की पहचान पहली बार 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में 9 महीने के एक लड़के में हुई थी, जहां 1968 में चेचक को समाप्त कर दिया गया था. तब से, अधिकांश मामले ग्रामीण, वर्षावन क्षेत्रों से सामने आए हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कांगो बेसिन, विशेष रूप से कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में और मानव मामले पूरे मध्य और पश्चिम अफ्रीका से तेजी से सामने आए हैं.

Exit mobile version