Monkeypox: दिल्ली में मंकीपॉक्स का चौथा मामला सामने आया, देश में अब तक 9 लोग पॉजिटिव
Monkeypox: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का एक और मामला सामने आया है. बुधवार को नाइजीरिया की 31 वर्षीय महिला में मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि हुई है.
Monkeypox: दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स के तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच भारत में इस वायरस को लेकर टेंशन बढ़ने लगी है. दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का एक और मामला सामने आया है. दिल्ली में बुधवार को नाइजीरिया की 31 वर्षीय महिला में मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिसके बाद दिल्ली में संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 4 हो गयी है.
भारत में पहली महिला, जिसमें मंकीपॉक्स के संक्रमण की हुई पुष्टि
न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स के नये मामले सामने आने के बाद अब देश में इस संक्रमण से संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 9 पर पहुंच गयी है. उन्होंने बताया कि देश में वह पहली महिला है, जिसमें मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि हुई है. मंकीपॉक्स संक्रमण में बुखार हो जाता है और हाथ पर घाव हो जाते हैं.
संक्रमित में मिले ये लक्षण
सूत्रों ने बताया कि महिला को बुखार है और उसके हाथ में घाव हैं. उसे लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया कि उसका नमूना जांच के लिये भेजा गया था और बुधवार को उसमें संक्रमण की पुष्टि हुई है. उन्होंने बताया कि हाल ही में उसकी किसी विदेश यात्रा की जानकारी नहीं मिली है. गौरतलब है कि दिल्ली में मंकीपॉक्स के पहले मरीज को सोमवार को एलएनजेपी अस्पताल से छुट्टी दी गयी थी.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए दिशानिर्देश
उल्लेखनीय है कि देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को महामारी से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें से संबंधित एक सूची जारी की. मंत्रालय ने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक या बार-बार संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो वह भी संक्रमित हो सकता है. संक्रमण से बचने के लिए संक्रमित व्यक्ति को अन्य व्यक्तियों से दूर रखने की सलाह दी गई है. इसके अलावा हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल, साबुन और पानी से हाथ धोना, मास्क पहनना तथा दस्ताने पहनना कुछ ऐसे उपाय हैं, जिनसे बीमारी से बचा जा सकता है. साथ ही आसपास की जगहों को भी रोगाणुमुक्त किया जाना चाहिए. मंत्रालय ने कहा कि संक्रमितों और संदिग्ध रोगियों से भेदभाव नहीं करें. इसके अलावा किसी अफवाह या गलत जानकारी पर विश्वास न करें.