केरल में 31 मई तक दस्तक देगा दक्षिणपश्चिम मानसून, गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद
Monsoon 2021 Forecast कोरोना की दूसरी लहर के जारी प्रकोप के बीच इस बार गर्मी से जल्द राहत मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है. मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस (Ministry of Earth Science) के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest Monsoon) दक्षिण-पश्चिम और बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी के कुछ हिस्सों और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के अधिकांश इलाकों में आगे बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि केरल में 31 मई के आसपास दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है.
Monsoon 2021 Forecast कोरोना की दूसरी लहर के जारी प्रकोप के बीच इस बार गर्मी से जल्द राहत मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है. मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस (Ministry of Earth Science) के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest Monsoon) दक्षिण-पश्चिम और बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी के कुछ हिस्सों और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के अधिकांश इलाकों में आगे बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि केरल में 31 मई के आसपास दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है.
इससे पहले मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ओर से बताया गया था कि केरल में दक्षिणपश्चिम मानसून समय पूर्व 31 मई को पहुंच सकता है. हालांकि इस अनुमान में चार दिन कम या ज्यादा हो सकते हैं. मालूम हो कि आमतौर पर राज्य में मानसून एक जून को आता है. मिल रही जानकारी के मुताबिक, चक्रवात का प्रभाव मानसून पर नहीं पड़ेगा. भारतीय मानसून क्षेत्र में मानसून की शुरुआती बारिश दक्षिण अंडमान सागर से होती है और उसकी बाद मानसूनी हवाएं उत्तर पश्चिम दिशा में बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ती हैं.
Southwest Monsoon has further advanced into some more parts of Southwest & Eastcentral Bay of Bengal and most parts of Southeast Bay of Bengal; conditions are likely to become favourable for onset of Southwest Monsoon over Kerala around May 31: Ministry of Earth Science
— ANI (@ANI) May 27, 2021
देश में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के खिलाफ जारी जंग के बीच मानसून के मोर्चे पर यह खबर निश्चित तौर पर राहत देने वाली है. मौसम विभाग ने इस वर्ष दक्षिणपश्चिम मानसून के सामान्य रहने का अनुमान जताया है. देश में 75 फीसदी बरसात दक्षिणपश्चिम मानसून के कारण होती है. दीर्घावधि के हिसाब से औसत बारिश 98 प्रतिशत तक होगी और इसमें पांच प्रतिशत की कमी/इजाफा हो सकती है.
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