Monsoon Session 2020: सांसदों के निलंबन वापसी के पक्ष में पूरा विपक्ष, कांग्रेस ने रखी तीन मांगें

नयी दिल्ली : संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session 2020) में आठ सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस (Congress) समेत पूरे विपक्ष ने राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करने का निर्णय किया है. सभी विपक्षी दलों का कहना है कि जबतक आठों निलंबित सांसदों का निलंबन वापस नहीं होगा कार्यवाही का विरोध जारी रहेगा. इसके साथ ही विपक्षी सांसदों का कहना है कि कृषि बिल पर वोटिंग करायी जाए और आठ निलंबित सांसदों को भी वोटिंग का अधिकार दिया जाए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2020 3:55 PM
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नयी दिल्ली : संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session 2020) में आठ सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस (Congress) समेत पूरे विपक्ष ने राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करने का निर्णय किया है. सभी विपक्षी दलों का कहना है कि जबतक आठों निलंबित सांसदों का निलंबन वापस नहीं होगा कार्यवाही का विरोध जारी रहेगा. इसके साथ ही विपक्षी सांसदों का कहना है कि कृषि बिल पर वोटिंग करायी जाए और आठ निलंबित सांसदों को भी वोटिंग का अधिकार दिया जाए.

रविवार को सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्षी राज्यसभा सदस्यों ने उपसभापति हरिवंश के साथ आपत्तिजनक व्यवहार किया था, जिसके बाद सोमवार को सभापित एम. वैंकेया नायडू ने 8 सांसदों को निलंबित कर दिया. इसके बाद बिना वोटिंग के ही राज्यसभा में कृषि से संबंधित दो बिलों को सत्ता पक्ष ने पास करवा लिया.

भाजपा की ओर से कहा गया कि राज्यसभा में पर्याप्त वोट थे, इसी से डरकर विपक्षी नेताओं ने सदन की कार्यवाही को प्रभावित करने की कोशिश की और वेल में आकर हंगामा किया. सांसदों के निलंबन के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक दिन के उपवास की घोषणा कर दी. वहीं विपक्ष के नेता कांग्रेस के सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जबतक सांसदों का निलंबन वापस नहीं होगा, सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया जायेगा.

कांग्रेस ने रखी तीन मांग

सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने आठ निलंबित सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि उनकी सरकार से तीन मांगें हैं. उन्होंने कहा कि सरकार दूसरा विधेयक लेकर आए और यह सुनिश्चित करे कि निजी कंपनियां किसानों की फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमतों पर नहीं खरीदें. आजाद ने मांग की कि एमएसपी को स्वामीनाथन समिति के फार्मूले के हिसाब से निर्धारित किया जाना चाहिए और निजी कंपनियों के साथ-साथ भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के लिए भी अनिवार्य हो कि वह एमएसपी से कम कीमत पर खरीद नहीं करे.

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सभापति ने क्या कहा

सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों से कहा कि उन्हें सदन की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए और आसन पर आरोप लगाना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि सदस्यों को आत्मचिंतन करना चाहिए. नायडू ने कहा, ‘निलंबित सदस्य भी हमारे सहयोगी हैं और उन्हें समझना चाहिए कि उनका आचरण स्वीकार्य नहीं है. उनका आचरण लोकतांत्रिक नहीं था.’ उन्होंने कहा कि उन सदस्यों को पश्चाताप करना चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए.

निलंबन वापसी पर अड़ा विपक्ष

समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव ने कहा कि सदन में जो कुछ हुआ, उससे कोई सहमत नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि वह सत्तापक्ष को धन्यवाद देंगे कि उसने इस पूरे मामले में संयम बरता. उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री से चूक हुई और सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर स्थिति को संभाला जा सकता था. यादव ने कहा कि विपक्ष की ओर से गलती हुई है.

उन्होंने अनुरोध किया कि निलंबित सदस्यों का निलंबन रद्द कर दिया जाए और वह उन सब की ओर से क्षमा मांगने को तैयार हैं. टीआरएस सदस्य के केशव राव ने भी सदस्यों का निलंबन समाप्त करने की मांग की. वहीं द्रमुक के टी शिवा ने कहा कि अभूतपूर्व स्थिति में दोनों विधेयक पारित किये गये. निलंबित किये गये सदस्यों में कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, तृणमूल के ब्रायन और डोला सेन, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम व आप के संजय सिंह शामिल हैं.

Posted by: Amlesh Nandan.

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