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Monsoon Session: अविश्वास प्रस्ताव, दिल्ली सेवा विधेयक… हंगामेदार होगा मानसून सत्र का आखिरी सप्ताह

Monsoon Session: राज्यसभा में सोमवार को दिल्ली सेवा विधेयक लाया जाएगा. लोकसभा की कार्यमंत्रणा समिति ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय आवंटित किया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संभवत: गुरुवार को अपना जवाब देंगे.

Monsoon Session: 20 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र अबतक काफी हंगामेदार रहा. बीते 14-15 दिनों में एक दिन भी सत्र की कार्यवाही नहीं चल पाई. मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार हंगामा होता रहा. कल यानी सोमवार से दो दिनों की छुट्टी के बाद सत्र शुरू हो रहा है. यह मानसून सत्र का आखिरी सप्ताह है. इसमें सोमवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा होगी. उम्मीद की जा रही है कि विपक्ष का हंगामा इस सप्ताह भी जारी रहेगा.

इधर, सोमवार लोकसभा सचिवालय मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर सुप्रीम कोर्ट के स्थगनादेश की समीक्षा करेगा और उनकी संसद सदस्यता रद्द करने के संबंध में फैसला करेगा. अगर लोकसभा के सदस्य के तौर पर राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने का फैसला रद्द किया जाता है, तो कांग्रेस की प्राथमिकता होगी कि मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान गांधी विपक्ष की ओर से अहम वक्ता की भूमिका निभाएं.

राज्य सभा में लाया जाएगा दिल्ली सेवा विधेयक

उधर, राज्यसभा में सोमवार को दिल्ली सेवा विधेयक लाया जाएगा. लोकसभा की कार्यमंत्रणा समिति ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय आवंटित किया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संभवत: गुरुवार को अपना जवाब देंगे. विपक्षी दल मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर संसद में प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं और इसके कारण 20 जुलाई से आरंभ हुआ संसद का मानसून सत्र हंगामेदार रहा है. विपक्ष ने पिछले सप्ताह लोकसभा में अपना विरोध कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया था, ताकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, सरकार (संशोधन) विधेयक पर चर्चा की जा सके. यह विधेयक दिल्ली में नौकरशाही का नियंत्रण निर्वाचित सरकार को देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद मई में केंद्र द्वारा लाये गये अध्यादेश की जगह लेने के लिए पेश किया गया है.

आम आदमी पार्टी कर रही है अध्यादेश का कड़ा विरोध

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश का कड़ा विरोध किया है. कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दल भी इस अध्यादेश के विरुद्ध हैं. लोकसभा ने तीन अगस्त को विवादास्पद ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक 2023’ को मंजूरी दे दी थी. राज्यसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसदों की संख्या समान है, लेकिन तटस्थ रुख अपनाने वालों के कारण भाजपा-नीत सरकार का पलड़ा भारी हो गया. लोकसभा ने मानसून सत्र के दौरान अब तक 15 विधेयक पारित किए हैं, जिनमें से 13 विधेयक 26 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव को चर्चा के लिए स्वीकार किए जाने के बाद पारित किए गए.

राज्यसभा ने सत्र के दौरान अब तक 12 विधेयक पारित

राज्यसभा ने सत्र के दौरान अब तक 12 विधेयक पारित किए हैं, इनमें से नौ विधेयक दोनों सदनों से पारित हुए हैं. वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक और अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधेयक बिना किसी खास चर्चा के पारित कर दिए गए. सरकार ने लोकसभा में सोमवार को चर्चा और पारित किये जाने के लिए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2023, अनुसंधान राष्ट्रीय शोध फाउंडेशन विधेयक, 2023, फार्मेसी (संशोधन) विधेयक, 2023 और मध्यस्थता विधेयक, 2023 सूचीबद्ध किए हैं.

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लोकसभा ने ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ को मंजूरी दी. इस बिल को अब सोमवार को राज्य सभा में पेश किया जाएगा. बता दें, दिल्ली अध्यादेश मामले को लेकर बीते काफी दिनों से आम आदमी पार्टी विपक्षी दलों के नेताओं से समर्थन की अपील कर रही है.इसी कड़ी में केजरीवाल ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) उद्धव ठाकरे, सीएम एमके स्टालिन समेत कई और नेताओं ने भी मुलाकात कर चुके हैं.

राहुल गांधी से डरी हुई है केंद्र सरकार

इधर, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा है कि केंद्र सरकार राहुल गांधी से डरी हुई है और इसी वजह से उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद कांग्रेस नेता की लोकसभा की सदस्यता अभी तक बहाल नहीं की गयी है. उच्चतम न्यायालय ने ‘मोदी सरनेम’ को लेकर की गई कथित विवादित टिप्पणी के संबंध में 2019 में दायर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए शुक्रवार को उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ कर दिया. राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें संसद की सदस्यता से जिस तत्परता से अयोग्य ठहराया गया था, वह उच्चतम न्यायालय द्वारा दोषसिद्धि पर रोक के बाद नहीं दिखायी दे रही है। तीन दिन बीत गए, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने अभी तक उनकी सदस्यता को बहाल नहीं किया है.

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