15.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दो दिन पहले ही खत्म हो गया लोकसभा का मॉनसून सत्र? 21 घंटे 14 मिनट ही चली कार्यवाही, 20 विधेयक हुए पारित

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला का कहना है कि सदन में कामकाज अपेक्षा के अनुसार नहीं रहा. विपक्ष के व्यवधान के कारण इस बार 21 घंटे 14 मिनट ही काम हुआ. 96 घंटे में से कुल 74 घंटे और 46 मिनट काम नहीं हो पाया है.

  • लोकसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित

  • स्पीकर ने बताया आशा के अनुरूप नहीं हुआ काम

  • सिर्फ 21 घंटे 14 मिनट ही चल सकी सदन की कार्यवाही

विपक्ष के जोरदार हंगामे और शोर-शराबे के कारण बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने बताया कि विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 22 फीसदी ही रही. उन्होंने यह भी कहा कि, सदन की मर्यादा बनाए रखने की जरूरत है.

जाहिर है, विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा (Lok Sabha) की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई है. इसका मतलब हुआ कि, सदन का मॉनसून सत्र दो दिन पहले ही समाप्त हो गया है. बता दें, इस बार मॉनसून सत्र के लिए 19 जुलाई से 13 अगस्त तक की तारीख निर्धारित की गई थी. लेकिन हंगामा के कारण सत्र पूरा नहीं चल पाया

कितने काम हुए: उम्मीद के मुताबिक नहीं हो पाया काम: इधर, पूरे मॉनसून सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया. हर दिन तेज होते हंगामें के कारण सदन की कार्यवाही बाधित होती रही. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला का कहना है कि सदन में कामकाज अपेक्षा के अनुसार नहीं रहा. विपक्ष के व्यवधान के कारण इस बार 21 घंटे 14 मिनट ही काम हुआ. 96 घंटे में से कुल 74 घंटे और 46 मिनट काम नहीं हो पाया है.

लोकसभा स्पीकर ने बताया कि, सत्र में कार्यवाही अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रही, उन्होंने बताया कि मॉनसून सत्र के दौरान संविधान का 127वां संशोधन विधेयक सहित कुल मिलाकर 20 विधेयक पारित हुए हैं. इसके अलावा 66 तारांकित सवालों के मौखिक उत्तर दिए गए है. वहीं, सदन में सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 331 मामले उठाए.

Also Read: EPF News: इपीएफ में रहने पर ले सकते हैं इडीएलआइ का लाभ, जानिए कितना होता है इसमें कर्मचारी का योगदान

इधर, बीते दिन लोकसभा में पास होने के बाद आज राज्य सबा में ओबीसी बिल पर चर्चा हो रही है. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने ओबीसी बिल पर राज्यसभा चर्चा शुरू की. वहीं, इस बिल को लेकर कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि देर आए, दुरुस्त आए. उन्होंने कहा कि सरकार ने 2018 में संशोधन लाकर हर राज्य का अधिकार क्षेत्र कर दिया था. यह एक गलत फैसला था. इसे सुधारने के लिए सरकार ये संशोधन बिल लायी है.

Also Read: विपक्ष के हंगामे को देखकर भावुक हुए सभापति वेंकैया नायडू, लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

Posted by: Pritish Sahay

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें