नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई 2021 से शुरू होगा और स्वतंत्रता दिवस के पहले 13 अगस्त को इसके समाप्त होने की संभावना है. सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, करीब एक महीने तक चलने वाले संसद का मानसून सत्र करीब एक महीने तक चलेगा. इस दौरान करीब 20 बैठकें होने की संभावना है.
इसके साथ ही, बताया यह भी जा रहा है कि एक महीने तक चलने वाले संसद सत्र के दौरान धर्मांतरण और कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनरत किसानों का मुद्दा पूरे जोरशोर से उठाया जा सकता है. मीडिया की खबरों के अनुसार, संसद में धर्मांतरण का मुद्दा सत्ताधारी दल भाजपा सांसद के द्वारा ही उठाए जाने की संभावना है.
आमतौर पर संसद का मानसून सत्र जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होता है और स्वतंत्रता दिवस से पहले समाप्त होता है. सूत्रों ने बताया कि संसदीय मामलों संबंधी मंत्रिमंडल समिति ने इस सत्र की अवधि को लेकर सिफारिश की है. उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान संसद परिसर में कोरोना से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, ऐसी उम्मीद की जा रही है कि संसद के मानसून सत्र के दौरान पार्लियामेंट कैंपस में उन्हीं सांसदों को प्रवेश करने की अनुमति मिलेगी, जिन्होंने कोरोना रोधी टीके की कम से कम एक खुराक जरूर लगवा रखी हो.
मीडिया की खबरों के अनुसार, संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष कोरोना के कुप्रबंधन और कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन का मुद्दा उठा सकता है. वहीं, सत्ताधारी दल भाजपा की ओर से संसद इस सत्र के दौरान धर्मांतरण का मुद्दा उठाया जा सकता है.
एबीपी गंगा की एक खबर के अनुसार, भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता और भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा कि धर्म परिवर्तन का मुद्दा संसद में उठाया जाएगा. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए. उन्होंने कहा कि इस मामले में विदेशों से भी मदद मिल रही है. धर्मांतरण पर उन्होंने कहा कि पूरे देश में एक सिंडिकेट है, जो एक योजना के तहत काम कर रहा है.
Posted by : Vishwat Sen