Morbi Bridge Collapse: रविवार की शाम गुजरात के मोरबी वासियों के लिए काल बनकर आई है. मोरबी के मच्छु नदी के ऊपर बने पुल के अचानक टूट जाने से अबतक 132 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा और करीब 180 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है और अन्य लोगों का रेस्क्यू जारी है.
#WATCH | Several people feared to be injured after a cable bridge collapsed in the Machchhu river in Gujarat's Morbi area today
— ANI (@ANI) October 30, 2022
PM Modi has sought urgent mobilisation of teams for rescue ops, while Gujarat CM Patel has given instructions to arrange immediate treatment of injured pic.twitter.com/VO8cvJk9TI
अगर बात करें दुर्घटनाग्रस्त हुए पुल की तो पांच दिन पहले ही पूल को मरम्मत के बाद दुबारा शुरू किया गया था. रविवार की वजह से लोग यहां भारी संख्या में घूमने आए हुए थे, लेकिन उन्हें कहा पता था कि ये उनकी अंतिम यात्रा बन जाएगी.
अगर इतिहास की ओर रुख करें तो यह ब्रिज 140 साल पुराना है. इस ऐतिहासिक ब्रिज की लंबाई 200 मीटर से ज्यादा थी और चौड़ाई करीब 3 से 4 फीट थी. 20 फरवरी, 1879 को मुंबई के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने इसका शिलान्यास किया था.
1880 में यह ब्रिज लगभग 3.5 लाख रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ था. इसके निर्माण के लिए सामान इंग्लैंड से लाया गया था. इसे दरबारगढ़ से नझरबाग को जोड़ने के लिए बनाया गया था. इसकी लंबाई लगभग 765 फुट है.
#WATCH | Several people feared to be injured after a cable bridge collapsed in the Machchhu river in Gujarat's Morbi area today. Further details awaited. pic.twitter.com/hHZnnHm47L
— ANI (@ANI) October 30, 2022
बता दें कि यह ब्रिज 7 महीने बाद खुला था. लोग इस मरम्मत किए गए पूल पर सेल्फी ले रहे थे. बताया जा रहा है कि जब यह पुल दुर्घटनाग्रस्त हुई उस वक्त इसपर करीब 400 लोग सवार थे. हालांकि मीडिया सूत्रों की मानें तो इस पुल की क्षमता केवल 100 लोगों की ही है, लेकिन इस प्रकार की व्यवस्था पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है. इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है.