Morbi Bridge Collapse: ‘पुल को नहीं खोला जाना चाहिए था’, Civic Body ने गुजरात त्रासदी को स्वीकार किया
मोरबी पुल हादसे पर नगर पालिका ने गुजरात हाईकोर्ट में बताया कि जिस कंपनी को पुल के नवीनीकरण का जिम्मा सौंपा गया था उसने बिना किसी पूर्व स्वीकृति और मरम्मत कार्य के बारे में नगर निकाय को सूचित किए बिना इसे फिर से खोल दिया.
मोरबी नगर पालिका ने गुजरात हादसे में गलती स्वीकार कर ली है. गुजरात हाईकोर्ट में Civic Body ने माना की पुल को नहीं खोला जाना चाहिए था.
कंपनी ने बिना पूर्व स्वीकृति के पुल को आम लोगों के लिए खोला
मोरबी पुल हादसे पर नगर पालिका ने गुजरात हाईकोर्ट में बताया कि जिस कंपनी को पुल के नवीनीकरण का जिम्मा सौंपा गया था उसने बिना किसी पूर्व स्वीकृति और मरम्मत कार्य के बारे में नगर निकाय को सूचित किए बिना इसे फिर से खोल दिया. गौरतलब है मोरबी पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी.
करार के अनुसार कंपनी को नवीनीकरण पूरा होने के बाद स्विकृति के बाद खोलना था पुल
बुधवार को उच्च न्यायालय में दायर एक हलफनामे में नगर पालिका ने यह भी बताया कि 2022 में नगर निकाय और कंपनी के बीच हुए एक करार के मुताबिक अजंता कंपनी को पुल का नवीनीकरण करना था और सिर्फ तभी जनता के लिये खोलना था. खंडपीठ पुल ढहने के मामले में स्वत:संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है.
कोर्ट ने पूछा, ओरेवा समूह को मंजूरी नहीं होने के बावजूद पुल के उपयोग की अनुमति क्यों दी गई
कोर्ट ने जानना चाहा कि अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड (ओरेवा समूह) को इस्तेमाल के लिए कोई मंजूरी नहीं होने के बावजूद पुल का उपयोग करने की अनुमति क्यों दी गई. कोर्ट ने यह भी पूछा कि जून 2017 के बाद कंपनी किस आधार पर पुल का संचालन कर रही थी. जब करार को नवीनीकृत नहीं किया गया. इस पर नगर निकाय ने कहा कि जब राजकोट कलेक्टर और कंपनी के बीच 2007 एमओयू, 15 अगस्त, 2017 को समाप्त हो गया था, तब भी झूला पुल का रखरखाव और प्रबंधन कंपनी द्वारा जारी रखा गया था, क्योंकि कोई नया समझौता नहीं हुआ था और आठ मार्च, 2022 को नये समझौते पर हस्ताक्षर के बाद मरम्मत के लिए इसे बंद किए जाने तक वही कंपनी इसके रखरखाव का काम कर रही थी.
मोरबी पुल हादसे में गयी थी 135 लोगों की जान
गौरतलब है कि मोरबी में 30 अक्टूबर को मच्छु नदी पर ब्रिटिश काल में बने झूला पुल के गिरने से महिलाओं और बच्चों सहित 135 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे से पांच दिन पहले ही जीर्णोद्धार के बाद पुल को खोला गया था.