BSF: सीमावर्ती राज्यों में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र बढ़ाये जाने का कुछ राज्यों में विरोध हो रहा है. पंजाब और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने भी बीएसएफ की दायरा बढ़ाने का विरोध किया है. वहीं, इस मामले में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दोनों राज्यों से कहा है कि उनका विरोध निराधार है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ का दायरा बढ़ाने से राज्य सरकार की शक्तियां सीमित नहीं होगी.
राज्य सरकार की आशंकाएं निराधार- नित्यानंद राय: गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि पंजाब और पश्चिम बंगाल सरकार की आशंकाएं निराधार है कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने पर सरकार की शक्तियों का अतिक्रमण होता है. उन्होंने कहा कि इन आशंकाओं का कोई वजूद नहीं.
State governments of West Bengal and Punjab have objected to extending the jurisdiction of BSF in border states expressing their apprehension that such a move encroaches upon the powers of the state government. Their apprehensions are ill-founded: MoS Home Nityanand Rai pic.twitter.com/qLZ0Ftu9fw
— ANI (@ANI) July 20, 2022
केंद्र सरकार ने बढ़ाया बीएसएफ का दायरा: गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अपने एक फैसले में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के अधिकारों का दायरा बढ़ा दिया है. पहले बीएसएफ सीमावर्ती राज्यों में भारत के अंदर 15 किमी तक ही कार्रवाई कर सकती थी. लेकिन बीएसएफ का दायरा बढ़ाने के बाद अब ये सीमावर्ती राज्यों के 50 किमी अंदर तक कार्रवाई कर सकती हैं. पंजाब, बंगाल समेत गुजरात की सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं.
50 किलोमीटर अंदर तक बीएसएफ कर सकती है कार्रवाई: केंद्र सरकार की ओर से बीएसएफ एक्ट में संशोधन के बाद बीएसएफ सीमा भारतीय इलाके में 50 किलोमीटर अंदर तक अपनी कार्रवाई कर सकते हैं. इस आदेश का पंजाब और पश्चिम बंगाल में विरोध किया जा रहा है. ममता बनर्जी ने कहा है कि बीएसएफ पशु तस्करों की आड़ में नागरिकों को भी निशाना बना लेगी. ऐसे में उन्होंने क्षेत्र विस्तार का विरोध किया है. तो वहीं, पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के फैसले को संघीय ढांचे पर हमला करार दिया है.