ओडिशा के नबरंगपुर जिले में सरकार द्वारा गरीबों के कल्याण के लिए बनी योजनाएं धरी की धरी रह गई, जब एक 70 वर्षीय महिला को अपने बेटे के इलाज के लिए अपना राशन और वृद्धावस्था पेंशन कार्ड गिरवी रखने के लिए मजबूर होना पड़ा. जानकारी के अनुसार, महिला ने सरकार से कोई सहायता नहीं मिलने के कारण राशन और पेंशन कार्ड को गिरवी रख 14000 रुपये उधार लिए थे.
ओडिशा टीवी के अनुसार, नबरंगपुर जिले की रहने वाली सुलोचना खुरा के इकौलता बेटे की तीन साल पहले एक सड़क दुर्घटना हुई थी, जिसमें उसका पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया था. उन्होंने अपने बेटे को कोरापुट अस्पताल में भर्ती कराया था. हालांकि, पैसा पर्याप्त नहीं होने के कारण उसकी हालत और बिगड़ गई. सुलोचना ने पहले भी राशन और पेंशन कार्ड को गिरवी रख 8 हजार रुपये लिए थे. लेकिन सही उपचार नहीं मिलने के कारण वह धिरे धिरे बढ़ता गया.
सुलोचना ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा, हमरे पास आए का कोई स्रोत नहीं है, राशन और पेंशन कार्ड ही हमारे लिए सबकुछ था. लेकिन अब रिश्तेदारों के सहयोग से जिवन यापन करने को मजबू हैं. उन्होंने कहा कि कोरापुट अस्पताल में सही उपचार नहीं मिलने के कारण चिकित्सकों ने बेरहामपुर अस्पताल जाने को कहा था. लेकिन, प्रशासन द्वारा मदद नहीं मिलने के कारण वहां नहीं जा सके. उन्होंने बताया कि पति की मृत्यु कुछ साल पहले हो चुकी है और बेटा तीन साल से बिस्तर पर पड़ा है.
Also Read: बिजली उत्पादन कंपनी स्थापित करेगी सीआइएल ओडिसा
इस बीच, तेंतुलीखुंटी के बीडीओ दुर्योधन भोई ने कहा कि इस घटना की जांच के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. बीडीओ ने कहा, हम कार्ड वापस लेने और उसे वापस सौंपने की कोशिश करेंगे. मैंने मेडिकल टीम से भी बात की है और जल्द से जल्द आवश्यक उपचार उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.