छत्तीसगढ़ के बाद मध्य प्रदेश में बीजेपी ने नए चेहरे को मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौंका दिया है. जी हां…बीजेपी विधायक दल की बैठक में मोहन यादव के नाम पर मुहर लगाई गई. प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री मोहन यादव अपना नाम आने के बाद मीडिया के समक्ष आए और कहा कि नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 13 दिसंबर को होगा. इससे पहले मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने बीजेपी विधायक दल के नेता मोहन यादव को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और उन्हें अगले मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति से संबंधित एक पत्र सौंपने का काम किया. बीजेपी विधायक दल ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में चौहान कैबिनेट के सदस्य यादव को अपना नेता सर्वसम्मति से चुना. आपको बता दें कि बीजेपी 17 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में 230 सदस्यीय विधानसभा में 163 सीट जीतकर मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखने में सफल रही. वहीं जीत का दंभ भरने वाली कांग्रेस के खाते में केवल 66 सीट आई और वह दूसरे स्थान पर रही.
मध्यप्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री मोहन यादव के बारे में जानें खास बातें
–मोहन यादव तीन बार बीजेपी के विधायक रहे. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र जीवन से की. वह उज्जैन दक्षिण से तीन बार विधायक हैं और एक प्रमुख ओबीसी नेता हैं.
-शिवराज सिंह चौहान की सरकार में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री पद पर वह रह चुके हैं.
-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के करीबी माने जाते हैं मोहन यादव
-58 साल के मोहन यादव की छवि एक मुखर हिंदुत्व समर्थक नेता के रूप में है.
-वह पहली बार 2020 में मंत्री बने जब कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के पतन के बाद बीजेपी सत्ता में वापस आई.
-मोहन यादव का जन्म 25 मार्च, 1965 को उज्जैन में हुआ.
-उन्होंने 1982 में माधव साइंस कॉलेज उज्जैन के संयुक्त सचिव के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और 1984 में इसके अध्यक्ष के रूप में चुने गए.
Also Read: MP New CM: मोहन यादव होंगे मध्य प्रदेश के नये सीएम, बीजेपी ने फिर फैसले से चौंकाया-मोहन यादव ने एलएलबी और एमबीए की डिग्री के अलावा डॉक्टरेट (पीएचडी) की डिग्री भी हासिल की.
-मोहन यादव युवा अवस्था से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे और 1993 से 1995 तक वह उज्जैन शहर में इसके पदाधिकारी थे.
-मोहन यादव मंदिरों के शहर उज्जैन से मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता हैं.