MP Political Crisis : कांग्रेस का दावा- विश्वासमत से पहले भाजपा के 9 विधायक हमारे संपर्क में
Congress ने दावा किया है कि MP में BJP के 9 विधायक क्रॉस वोटिंग करेंगे और हमारी सरकार नहीं गिर रही है. वहीं, कांग्रेस के इस दावे के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज हो गयी है और BJP ने अपने विधायकों पर नजर रखने के लिए टीम बनायी है.
भोपाल मध्य प्रदेश में सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस ने बड़ा दावा किया है. कांग्रेस ने कहा है कि अगर विधानसभा में विश्वासमत होता है तो, भाजपा के 9 विधायक कांग्रेस के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करेंगे. यह दावा मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया सलाहकार ने पंकज शर्मा ने किया है.
पंकज ने ट्वीट कर लिखा, मध्य प्रदेश में बीजेपी के 9 विधायकों के क्रॉस वोटिंग के आसार पर नहीं होगा फ्लोर टेस्ट.
#MadhyaPradesh में @BJP4India के 9 विधायकों के क्रास-वोटिंग के आसार | कल नहीं होगा फ्लोर टेस्ट |
— Pankaj Sharma पंकज शर्मा (@Pankaj___Sharma) March 15, 2020
कांग्रेस के इस दावे के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज हो गयी है और भाजपा ने अपने विधायकों पर नजर रखने के लिए टीम बनायी है.
विश्वास मत पर संशय- राज्यपाल के निर्देश के बाद भी विधानसभा की सूची में सोमवार को विश्वासमत कार्य का जिक्र नहीं किया गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि आज विश्वासमत नहीं होगा. वहीं, देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की. राजभवन के बाहर कमलनाथ ने कहा कि बैंगलुरू में हमारे कैद विधायक को राज्यपाल भोपाल लायें और विश्वास मत हो जाये.
भाजपा ने निशाना साधा- कांग्रेस सरकार द्वारा विश्वास मत नहीं कराने पर भाजपा ने हमला बोला है. पार्टी ने कहा है कि सरकार के पास बहुमत नहीं है, इसलिए मामला को लटका रही है, लेकिन कुछ भी हो जाये कमलनाथ सरकार गिर जायेगी.
कोरना सरकार के लिए संजीवनी– विश्वासमत से पहले कमलनआथ सरकार ने बड़ा दाव खेलते हुए अपने सभी विधायकों के कोरोना टेस्ट कराये, जिसके बाद सरकार ने कहा हमारे दो विधायक कोरोना से पीड़ित है, इसलिए सत्र को आगे बढ़ाया जाये. वहीं भाजपा ने कहा है कि जब संसद चल सकती है तो, विधानसभा चलाने में क्या दिक्कत है.
राज्य में सीटों का गणित- राज्य में विधानसभा की 230 सीटें हैं, जिनमें से दो सीट विधायकों के निधन के कारण खाली है. वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है.अगर सभी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो, राज्य की विधानसभा में 206 विधायक बचेंगे. वहीं भाजपा के पास 106 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास सिर्फ 98 विधायक हैं.