एआईएमआईएम के नेता जलील ने बताया कि राज्य के अन्य शहर पुणे में ऐसे अधिकारी नियुक्त किये गये, जहां बड़ी संख्या में कोविड-19 के मामले सामने आये हैं. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘चुनाव के दौरान शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह औरंगाबाद पर विशेष ध्यान देंगे.
बाद में यह जिम्मेदारी शिवसेना नेता और मंत्री आदित्य ठाकरे को दी गयी.” उन्होंने कहा, ‘‘ अब, कोई यह भी यह देखने नहीं आया कि यहां क्या स्थिति है? मैं उनका (मुख्यमंत्री का) सम्मान करता हूं लेकिन प्रश्न अब भी वही है…यदि वरिष्ठ अधिकारी पुणे में स्थिति नियंत्रित करने के लिए तैनात किये गये, तो औरंगाबाद में ऐसा क्यों नहीं किया गया . ”
सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि सदर अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों को बाहर से दवाइयां खरीदने के लिए कहा जा रहा है. इस संबंध में संपर्क करने पर अस्पताल के डीन डॉ. कनान येलीकार ने कहा कि एक समिति इसकी जांच करेगी और जरूरी कार्रवाई की जाएगी.
औरंगाबाद जिले में शुक्रवार को कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 4,522 हो गये, जबकि अब तक 234 संक्रमित व्यक्तियों की मौत हुई है. इस बीच, जलील की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिवसेना विधान पार्षद अंबादास दानवे ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे ने दो दिन पहले एक वीडियो सम्मेलन के दौरान जलील की बात सुनी थी. शिवसेना नेता ने कहा, ‘‘उन्हें केवल तब शिकायत करनी चाहिए जब उनकी बात नहीं सुनी जाती और उसे लागू नहीं किया जाता. उनके आरोप बेबुनियाद हैं. हमारे पास जिले में कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त और पुलिस आयुक्त जैसे वरिष्ठ अधिकारी हैं और वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं.”
Posted By – Pankaj Kumar pathak