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MP Election 2023: कमलनाथ को कमजोर कर पाएगी भाजपा ? अमित शाह के छिंदवाड़ा दौरे के क्या हैं मायने

MP Election 2023: भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री अमित शाह की छिंदवाड़ा यात्रा 2019 के चुनावों में जीतने में विफल रही देश की 130 लोकसभा सीटों पर आगामी चुनावों में भाजपा की पकड़ मजबूत करने के उद्देश्य से जनसंपर्क कार्यक्रम का हिस्सा है.

By Amitabh Kumar | March 26, 2023 12:52 PM

MP Election : इस साल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव के पहले भाजपा प्रदेश में सक्रिय नजर आ रही है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह खुद मध्य प्रदेश पहुंचे और कांग्रेस पर जोरदार हमला किया. उन्होंने छिंदवाड़ा में आमसभा की और आदिवासियों और दलितों का मुद्दा उठाया. कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ के पांच दशकों तक गढ़ रहे छिंदवाड़ा में आमसभा करके अमित शाह ने उन्हें घेरने का प्रयास किया. शाह ने इस साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान कर लोगों से राज्य और केंद्र में फिर से भाजपा की सरकार बनाने का आह्वान किया.

छिंदवाड़ा कमलनाथ का गढ़

आइए एक नजर छिंदवाड़ा पर डालते हैं. दरअसल, मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पहली दफा छिंदवाड़ा से 1980 में लोकसभा के लिए चुने गये और 1997 में उपचुनाव में उनकी एकमात्र पराजय के साथ उन्होंने कई दफा इस लोकसभा सीट से विजय प्राप्त की. लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा मध्य प्रदेश में 29 लोकसभा सीटों में से 28 सीटें जीतने में कामयाब रही लेकिन छिंदवाड़ा से कमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ ने 35 हजार से अधिक वोटों से जीत का परचम लहराया.

साल 2018 का विधानसभा चुनाव

यदि आपको याद हो तो कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद कमलनाथ के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में सरकार बनायी. इसके बाद कुछ महीने सरकार चली लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति निष्ठावान विधायकों के विद्रोह के कारण मार्च 2020 में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गयी. कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बना ली.

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कमलनाथ को घेरने की तैयारी

भाजपा सूत्रों की मानें तो भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री अमित शाह की छिंदवाड़ा यात्रा 2019 के चुनावों में जीतने में विफल रही देश की 130 लोकसभा सीटों पर आगामी चुनावों में भाजपा की पकड़ मजबूत करने के उद्देश्य से जनसंपर्क कार्यक्रम का हिस्सा है. यही वजह है कि पार्टी इस क्षेत्र में ज्यादा फोकस कर रही है और कमलनाथ को उनके ही गढ़ में फंसाना चाहती है.

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