MP Election Results: नरोत्तम मिश्रा एक हजार से अधिक मतों से पीछे, जानें दिग्गजों का हाल
MP Election Results: छिंदवाड़ा से कांग्रेस के कमलनाथ 14 हजार से अधिक मतों से आगे हैं. दिमनी से भाजपा के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दो हजार से अधिक मतों से आगे हैं. जानें दिग्गजों का हाल
मध्य प्रदेश में सुबह आठ बजे से मतगणना जारी है. कई नेताओं का ताजा हाल सामने आया है. इन नेताओं में एक नेता ऐसे हैं जिनकी चर्चा जोरों पर हो रही है. जी हां…उस नेता का नाम नरोत्तम मिश्रा है, जिन्हें बीजेपी ने दतिया से चुनावी मैदान पर उतारा है. प्रदेश के गृह मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार नरोत्तम मिश्रा एक हजार से अधिक मतों से पीछे चल रहे हैं. यहां चर्चा कर दें कि राज्य में 17 नवंबर को एक ही चरण में विधानसभा चुनाव हुए थे और यहां रिकॉर्ड मतदान देखने को मिला था.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों की मतगणना के शुरुआती रुझानों के अनुसार कुछ प्रमुख नेताओं की स्थिति इस प्रकार है. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार जबलपुर पश्चिम से बीजेपी के राकेश सिंह आठ हजार से अधिक मतों से आगे हैं. छिंदवाड़ा से कांग्रेस के कमलनाथ 14 हजार से अधिक मतों से आगे हैं. बुधनी से मुख्यमंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी शिवराज सिंह चौहान 13 हजार से अधिक मतों से आगे हैं. राऊ से भाजपा की मधु वर्मा कांग्रेस के जीतू पटवारी से नौ हजार से अधिक मतों से आगे हैं.
वहीं दिमनी से भाजपा के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दो हजार से अधिक मतों से आगे हैं. इंदौर-1 से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं भाजपा उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय आठ हजार से अधिक मतों से आगे चल रहे हैं. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार निवास से भाजपा के उम्मीदवार एवं केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते पांच हजार से अधिक मतों से पीछे हैं. नरसिंहपुर से केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार प्रहलाद पटेल एक हजार से अधिक मतों से आगे हैं.
2018 के विधानसभा चुनाव के बाद बनी थी कांग्रेस की सरकार
यहां चर्चा कर दें कि मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि सपा, बसपा और स्वतंत्र विधायकों के समर्थन से कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई थी. हालांकि, मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में उनके समर्थक विधायकों के कांग्रेस से विद्रोह के कारण कमलनाथ सरकार गिर गई. इसके बाद प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक बार फिर बीजेपी सरकार बनी. यहां इस बार खास बाते ये है कि पिछली बार कांग्रेस के लिए वोट मांगने वाले सिंधिया इस बार बीजेपी के पक्ष में लोगों से वोट करने की अपील करते नजर आ रहे थे.