Loading election data...

MRSAM Missile: सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल का सफल परीक्षण, DRDO ने दी जानकारी

MRSAM Missile रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने रविवार को ओडिशा के तट पर चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM) के भारतीय सेना संस्करण के दो उड़ान का परीक्षण सफलतापूर्वक किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2022 8:25 PM

MRSAM Missile रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने रविवार को ओडिशा के तट पर चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM) के भारतीय सेना संस्करण (Indian Army Version) के दो उड़ान का परीक्षण सफलतापूर्वक किया. डीआरडीओ ने जानकारी देते हुए कहा कि मिसाइल परीक्षण सुबह 10.30 बजे किए गए. डीआरडीओ ने ट्वीट कर बताया कि एमआरएसएएम-आर्मी मिसाइल तंत्र उड़ान का बालासोर के समेकित परीक्षण रेंज से 10.30 बजे परीक्षण किया गया, जिसने लंबी दूरी वाले हवाई लक्ष्य को बेध दिया. मिसाइल ने लक्ष्य को ध्वस्त कर दिया.

यह प्रणाली भारतीय सेना का हिस्सा

डीआरडीओ के अधिकारियों ने अनुसार, यह प्रणाली भारतीय सेना का हिस्सा है. इस परीक्षण को बेहद खास माना जा रहा है. बता दें कि इससे पहले भारत ने 23 मार्च को अंडमान और निकोबार में सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. ब्रह्मोस मिसाइल ने सटीकता के साथ अपने लक्ष्य को मारा. इस मिसाइल को डीआरडीओ ने इजरायल के आईएआई (IAI) कंपनी के साथ मिलकर बनाया है.


जानें मिसाइल की खूबियां

जानकारी के मुताबिक, एमआरएसएएम ( MRSAM) का वजन करीब 275 किलोग्राम होता है. वहीं, इसकी लंबाई 4.5 मीटर और व्यास 0.45 मीटर होता है. जबकि, इस मिसाइल (Medium Range Surface to Air Missile) पर 60 किलोग्राम वॉरहेड यानी हथियार लोड किया जा सकता है. यह मिसाइल लॉन्च होने के बाद धुआं कम छोड़ती है. खूबियों की बात करें तो इसकी रेंज में आने पर किसी यान, विमान, ड्रोन या मिसाइल का बचना लगभग नामुमकिन ही है.

रक्षा क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर

इससे पहले स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ओर से हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में दावा किया कि 2017-21 के दौरान भारत ने हथियारों के कुल आयात में 21 फीसदी की कटौती की. हालांकि, इसके बाद भी वैश्विक स्तर पर हथियारों के आयात में अकेले भारत की हिस्सेदारी 11 फीसदी रही है. 2012-2021 के दौरान लगातार रूस भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है. हालांकि, इस दौरान भारत का रूस से होने वाला हथियारों का आयात 47 फीसदी कम हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का यह प्रयास खुद को रक्षा तकनीक और हथियारों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की तरफ बढ़ाए गए कदमों की पुष्टि करता हैं. इसके अलावा भारत खुद को हथियारों की आपूर्ति के लिए किसी एक देश पर निर्भर नहीं बनाए रखना चाहता है.

Also Read: Madhya Pradesh में नए सत्र से हिंदी में होगी MBBS की पढ़ाई! बोले CM शिवराज- क्यों बनें अंग्रेजी के गुलाम

Next Article

Exit mobile version