Muharram 2020: देश भर में मोहर्रम (Muharram Processions News) का जुलूस निकालने की अनुमति पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Hearing Today)ने इनकार कर दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर जुलूस निकालने की इजाजत देंगे तो अराजकता फैलेगी. बता दें कि शिया धर्मगुरू मौलान कल्बे जव्वाब ने पूरे देश में मुहर्रम जुलूस निकालने की मांग वाली याचिका दायर की थी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा -तो कोरोना के नाम पर एक समुदाय पर निशाना सधेगा
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में मुहर्रम के मौके पर जुलूस निकालने की अनुमति देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर मुहर्रम के मौके पर ताजिया का जुलूस निकालने की अनुमति दी गई तो इसके बाद कोरोना फैलाने के लिए एक समुदाय विशेष को निशाना बनाया जाएगा. चीफ जस्टिस एसए बोबडे की पीठ ने कहा कि मुहर्रम जुलूस के लिए कोई स्पष्ट स्थान नहीं होता है, जहां प्रतिबंध या सावधानी बरती जा सके.
बता दें कि मुहर्रम इस्लामिक वर्ष का पहला महीना होता है. इस महीने की 10वीं तारीख को यह पर्व मनाया जाता है. इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत के गम में मुहर्रम का त्योहार मनाया जाता है. इसे शिया मुस्लिम समुदाय के लोग गम के रूप में मनाते हैं. इस दिन इमाम हुसैन और उनके अनुयायियों की शहादत को याद किया जाता है. मुहर्रम पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के 72 साथियों के शहादत की याद में मनाया जाता है. मुहर्रम इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक प्रमुख त्योहार है. मुहर्रम के एक रोजे का 30 रोजों के बराबर फल मिलता है. मोहर्रम महीने की 10वीं तारीख को ताजिया जुलूस निकाला जाता है.