Mukesh Ambani: बरकरार रहेगी मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश

Mukesh Ambani: शीर्ष अदालत की एक अवकाशकालीन पीठ ने 29 जून को मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा दिये जाने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2022 8:28 PM

Mukesh Ambani: देश-दुनिया के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक मुकेश अंबानी की सुरक्षा बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इस मामले में कहा कि मुकेश अंबानी और परिवार को दी जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था जारी रहेगी. चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश अंबानी और उनके परिवार को सुरक्षा देने के खिलाफ त्रिपुरा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका को भी खारिज कर दिया.

त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक: प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एक जनहित याचिका पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय के निर्देश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की अपील स्वीकार कर ली. शीर्ष अदालत की एक अवकाशकालीन पीठ ने 29 जून को मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा दिये जाने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी.

अंबानी की सिक्योरिटी से त्रिपुरा का लेना-देना नहीं: केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि त्रिपुरा में जनहित याचिकाकर्ता विकास साहा का मुंबई में मुहैया कराए गए लोगों की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है. त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने साहा की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर 31 मई और 21 जून को दो अंतरिम आदेश जारी किए थे और केंद्र सरकार को अंबानी, उनकी पत्नी और बच्चों की जान को खतरे से संबंधित वह मूल फाइल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, जिसके आधार पर उन सभी को सुरक्षा प्रदान की गयी थी.

मुकेश अंबानी की सुरक्षा: गौरतलब है कि देश के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी को Z+ सुरक्षा प्रदान की गई है. लेकिन विकास साहा नाम के एक शख्स ने त्रिपुरा हाईकोर्ट में अंबानी की Z+ सिक्योरिटी के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर दी थी. जिस पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया. इधर, केन्द्र सरकार ने इस याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी.
भाषा इनपुट के साथ

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