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महुआ मोइत्रा ने की जैन समुदाय को बदनाम करने की साजिश, मुख्तार अब्बास नकवी का टीएमसी सांसद पर वार

बताते चलें कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए आसन द्वारा किसी अन्य सदस्य का नाम पुकारे जाने के बाद भी अपनी बात जारी रखी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2022 2:12 PM

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को जैन समुदाय को लेकर संसद में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) संसद महुआ मोइत्रा की टिप्पणी पर राजनीतिक वार किया है. मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक टीएमसी सांसद (महुआ मोइत्रा) ने जैन समुदाय और उनकी संस्कृति को बदनाम करने की मानसिकता के साथ सदन के पटल पर बात की. उन्होंने कहा कि खतरनाक मानसिकता के तहत उस समुदाय को लेकर दुनिया को गुमराह करने की साजिश की गई है.

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि संसद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बैठे थे, वहां कुछ सेक्युलर सिंडिकेट भी बैठे थे, जो चुप थे. हमारी पार्टी के सदस्यों ने इसका विरोध किया. हम इस मामले पर लोकसभा अध्यक्ष (ओम बिरला) से मिलेंगे और उनसे बात करेंगे. उन्होंने कहा कि हम इस बात की मांग करेंगे कि उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए.

महुआ मोइत्रा ने आसन को लेकर की थी टिप्पणी

बताते चलें कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए आसन द्वारा किसी अन्य सदस्य का नाम पुकारे जाने के बाद भी अपनी बात जारी रखी. उन्होंने आसन को लेकर ट्वीट भी किया था और इस घटना के बारे में पत्रकारों के साथ बातचीत का वीडियो भी साझा किया था.

इस तरह की घटना को कांग्रेस, डीएमके, बीजेडी, शिवसेना, टीडीपी, एनसीपी, टीएमसी और बसपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया तथा संसदीय लोकतंत्र एवं आसन की मर्यादा को बनाए रखते हुए नियमों एवं प्रक्रियाओं के तहत व्यवहार करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.

टीएमसी सांसद की टिप्पणी से नाराज हैं लोकसभा अध्यक्ष

उधर, अध्यक्षीय आसन को लेकर की गईं कुछ टिप्पणियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि किसी सदस्य या व्यक्ति को आसन के बारे में ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, जो हमारे संसदीय लोकतंत्र पर आघात पहुंचाने वाली हो.

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उन्होंने कहा कि सदन के अंदर और बाहर की जाने वाली ऐसी टिप्पणियों को उन्होंने गंभीरता से लिया है. लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला ने किसी सदस्य का नाम लिये बिना कहा कि सदन की एक उच्च कोटि की मर्यादा है, जिसका सम्मान सभी सदस्य करते हैं. आसन का प्रयास होता है कि सदन निष्पक्ष रूप से नियम और प्रक्रियाओं से संचालित हो.

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