Mumbai-Ahmedabad bullet train: मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर आम जनता काफी ज्यादा उत्साहित है. इस प्रोजेक्ट से रफ्तार मिलेगी. हालांकि बुलेट ट्रेन अगले साल यानि 2023 में चलनी थी, लेकिन महाराष्ट्र में जमीन अधिग्रहण की धीमी रफ्तार के कारण इसमें देरी हो रही है. इससे पहले कोरोना महामारी की वजह से प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने में देरी हुई थी. जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र की सरकार बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण करवाने में रुचि नहीं दिखा रही. अभी तक महाराष्ट्र में महज 20 फीसदी जमीन अधिग्रहण ही हो सका है.
केंद्रीय रेल मंत्रालय के नवीनतम परियोजना अपडेट के अनुसार, महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण अभी भी 75.25 प्रतिशत है, जबकि गुजरात ने 98.8 प्रतिशत, दादरा और नगर हवेली ने परियोजना के लिए 100% भूमि का अधिग्रहण किया है. महाराष्ट्र की अड़चन चिंता का कारण बनकर उभरी है. महाराष्ट्र में, अप्रैल तक आवश्यक 298 हेक्टेयर में से केवल 150 हेक्टेयर के लिए भूमि अधिग्रहण पूरा किया गया था. 30 जून को कार्यभार संभालने के बाद, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की नई महाराष्ट्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाई और राज्य में परियोजना के लिए सभी मंजूरी प्रदान की.
ट्विटर पर साझा की गई मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर अपनी प्रगति रिपोर्ट में, मंत्रालय ने कहा कि 508.18 किलोमीटर के मार्ग के 162 किलोमीटर और 79.2 किलोमीटर पर घाट के काम पर पाइलिंग का काम पूरा हो गया है. हालांकि, साबरमती में यात्री टर्मिनल हब पूरा होने वाला है. बुलेट ट्रेन परियोजना को शुरू में 2023 तक पूरा करने की योजना थी, लेकिन इसके कई विस्तार देखे गए. इसे दिसंबर 2015 में स्वीकृत किया गया था और अनुमानित रूप से 108,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, जिसमें 80% फंडिंग जापान से आसान ऋण के रूप में आई थी.
Bullet train Progress Report :
Land Acquisition Status-
1) Gujarat: 98.8%
2) DNH: 100%
3) Maharashtra: 75.25%Progress of Works-
1) 162 km of Piling work completed
2) 79.2 km Pier work completed
3) Passenger Terminal Hub at Sabarmati is nearing completion. pic.twitter.com/4Ezh3lRkHy— Ministry of Railways (@RailMinIndia) August 16, 2022
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रिपोर्ट के अनुसार स्टील, सीमेंट और भूमि की सामग्री लागत में वृद्धि के साथ, परियोजना लागत 1.67 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. पूरा होने तक यह 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने गुजरात, दादरा और नगर हवेली में पूरे 352 किलोमीटर के खंड के लिए पुलों, स्टेशनों और ट्रैक के निर्माण के लिए सभी ठेके दिए हैं. महाराष्ट्र में, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्टेशन और एक के लिए कट-एंड-कवर टनल के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं. पहला परीक्षण 2026-27 में गुजरात में 49 किलोमीटर के बिलिमोरा-सूरत खंड के बीच होने की उम्मीद है.