देश में कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में है. महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आयी है. सोमवार को संक्रमण के मामलों में कमी देखी गयी जो आंकड़े आये उनमें 37,236 नये मामले सामने थे. 549 लोगों की मौत की खबर थी.
नये आंकड़ों में बढोतरी हुई है मंगलवार को जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार ते 24 घंटे में यहां कोरोना के 40,956 नए मामले सामने आए. 793 लोगों की मौत हुई. अब तक यहां 51,79,929 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं और 77,191 मरीजों की मौत हो गयी. महाराष्ट्र में संक्रमण के आंकड़ों में गिरावट आयी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कोरोना से जंग जीतने के लिए टीम की तरह काम करना होगा और यह बात महाराष्ट्र ने साबित करके दिखायी है. आज कोरोना सक्रमण के मामलों में कमी को लेकर महाराष्ट्र की तारीफ हो रही. आइये समझने की कोशिश करते हैं ऐसा क्या किया महाराष्ट्र ने जिसकी चर्चा है.
महाराष्ट्र के पुणे में बनायी गयी योजना और इसे लागू करने से संक्रमितों की संख्या में कमी आयी. महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की मार का सबसे ज्यादा असर पड़ा, मामलों की संख्या में जब कमी नहीं आयी तो सरकार को लॉकडाउन का फैसला लेना पड़ा. केंद्र सरकार ने यह माना है कि महाराष्ट्र ने तैयारी के साथ उठाये गये मजबूत कदम की वजह से महाराष्ट्र के कई बड़े शहरों में संक्रमण कम हो रहा है.
मुंबई ने अपने सेंट्रल कंट्रोल रूम को खत्म करके, छोटे – छोटे कंट्रोल रूम बनाये जिससे मामले डाइवर्ट होने लगे और लोगों तक मदद आसानी से पहुंचने लगी. मुंबई में 24 वार्ड में 24 वॉर रूम बनाये गये. बीएमसी ने शानदार काम किया 55 लैब से 10 हजार से ज्याजा टेस्टिंग रिजल्ट आने लगे. टेस्ट रिजल्ट को स्थानी वॉर रूम को भेजा जाता था जिस पर वह कड़ी नजर रखते थे.
वॉर रूप में 30 टेलिफोन कनेक्शन के साथ – साथ 10 डॉक्टर और 10 एंबुलेंस सेवा भी शामिल थी. 800एसयूवी को एंबुलेंस में बदल दिया गया जिसकी निगरानी ऑनलाइन की जाती थी. इस रणनीति से फायदा हुआ और संक्रमण के मामलों में कमी आने लगी. कोरोना को मात देने में मुंबई मॉडल की केंद्र कर रहा है तारीफ तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।