12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Lockdown 2.0 : प्रवासी मजदूरों को लेकर राजनीति तेज, आदित्य ठाकरे ने केंद्र पर लगाया गंभीर आरोप

मुंबई में राष्ट्रव्यापी बंद (Coronavirus worldwide) के दौरान अपने घर जाने के लिये प्रवासी कामगारों द्वारा किये गए प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र में मंगलवार को सरकार और विपक्ष के बीच जुबानी जंग तेज हो गई.

मुंबई : मुंबई में राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान अपने घर जाने के लिये प्रवासी कामगारों द्वारा किये गए प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र में मंगलवार को सरकार और विपक्ष के बीच जुबानी जंग तेज हो गई.

मुंबई में दिहाड़ी मजदूरी पर काम करने वाले सैकड़ों प्रवासी कामगार वापस अपने पैतृक स्थान पर भेजे जाने के लिये मंगलवार को परिवहन इंतजाम करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर गए. हाल ही में गुजरात के सूरत में भी प्रवासी कामगारों ने ऐसा प्रदर्शन किया था.

Also Read: Lockdown 2.0 से बेकाबू हुए प्रवासी मजदूर, मुंबई के बांद्रा में उमड़ा जनसैलाब, नाराज गृहमंत्री शाह ने किया ठाकरे को फोन

प्रधानमंत्री की बंद की अवधि बढ़ाकर तीन मई किये जाने की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से आने वाले करीब एक हजार कामगार बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास एक बस डिपो पर प्रदर्शन करने लगे. इस प्रदर्शन के बाद शिवसेना और मुख्य विपक्षी दल भाजपा के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई.

महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने इस प्रदर्शन के लिये केंद्र पर आरोप लगाया और इन कामगारों के पैतृक स्थान जाने के लिये एक विस्तृत रूपरेखा पेश किए जाने की मांग की. ठाकरे ने ट्वीट कर कहा, बांद्रा में मौजूदा स्थिति जिसे अब सुलझा लिया गया या सूरत में हुआ उपद्रव केंद्र सरकार द्वारा इन प्रवासी कामगारों को वापस उनके गृह स्थान भेजे जाने के बारे में कोई फैसला नहीं ले पाने का नतीजा है.

Also Read: Coronavirus Pandemic: झारखंड में 3 नये लोग कोरोना पॉजिटिव मिले, संक्रमितों की संख्या बढ़कर हुई 27

गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि प्रवासी कामगारों को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री राज्यों की सीमाओं को फिर से खोलेंगे. देशमुख ने कहा कि प्रवासी कामगारों को आश्वासन दिया गया कि राज्य सरकार उनके खाने और रहने का इंतजाम करेगी जिसके बाद वे वापस चले गए. भाजपा नेता और पूर्व मंत्री आशीष शेलार ने कहा कि यह प्रदर्शन बंद का लागू कराने में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार की विफलता को दर्शाता है.

शेलार ने कहा कि यह सभी कामगार बांद्रा (ईस्ट), बांद्रा (वेस्ट), खार और आसपास के अन्य इलाकों के थे. बंद की स्थिति के दौरान वे प्रदर्शन स्थल पर कैसे पहुंचे? सरकार को लोगों के इकट्ठा होने के बारे में कोई खुफिया सूचना क्यों नहीं थी. यह सरकार की विफलता दर्शाता है.

Also Read: Coronavirus : लॉकडाउन में सशर्त छूट, 20 अप्रैल तक हर गांव, हर शहर को देना होगा कोरोना टेस्ट

उन्होंने कहा कि बंद को सफल बनाना चाहिए क्योंकि यह लोगों की सुरक्षा से जुड़ा है, जिन्हें खाना और दूसरे जरूरी सामान उनके घरों तक पहुंचाये जाने चाहिएः अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मनोज शर्मा ने कहा, ये सभी स्थानीय नागरिक थे. बड़ी संख्या में लोग इस इलाके (बांद्रा) में रहते हैं, अभी कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है.

भाजपा नेता किरीट सोमैया ने भी प्रदर्शन को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, यह बेहद गंभीर मामला है. उद्धव ठाकरे सरकार कोरोना वायरस महामारी से निपटने में विफल रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को जरूरी सामान के वितरण के लिए समुचित व्यवस्था करनी चाहिए. सोमैया ने कहा, उम्मीद है कि ठाकरे सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आंख खोलने वाला मानेगी.

Also Read: प्रवासी मजदूरों से बोले उद्धव ठाकरे, लॉकडाउन हुआ है आप लॉकअप में नहीं है, आराम से रहें

स्थानीय कांग्रेसी विधायक जीशान सिद्दिकी ने कहा कि यह स्थिति तब बनी जब लोगों को बंद की अवधि बढ़ाए जाने के बारे में पता चला. उन्होंने कहा, यह सरकार की विफलता नहीं है, हम शुरू से ही स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. बांद्रा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा कि जब कामगार शुरू में मौके पर जुटे थे तो पुलिसवालों ने उन्हें खाने के पैकेट बांटे थे. उन्होंने कहा, लेकिन कुछ समय बाद उनकी संख्या बढ़ गई और वे खाने के पैकेट छीनने लगे, सबकुछ नियंत्रण में है, लाठीचार्ड कर भीड़ कोवहां से हटा दिया गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें