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लाशों के साथ हॉस्पिटल में रखे जा रहे कोरोना के मरीज, वायरल हुआ मुंबई का ये वीडियो

मुंबई (Mumbai) के एक सरकारी अस्पताल (Hospital Mumbai) में कोरोना वायरस (coronavirus ) के मरीजों के पास कथित तौर पर इस संक्रमण से मरने वाले लोगों के शव (coronavirus patients being treated among dead bodies ) रखे दिखाई देने वाला एक वीडियो सामने आया है

मुंबई : देश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. देश में सबसे अधिक महाराष्‍ट्र में कोरोना संकट है. यहां अब तक 16 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. इस बीच मुंबई से एक वीडियो सामने आयी है जिसमें कथित रूप से बताया जा रहा है कि अस्‍पताल में शवों के साथ मरीजों को भी रखा गया है.

मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों के पास कथित तौर पर इस संक्रमण से मरने वाले लोगों के शव रखे दिखाई देने वाला एक वीडियो सामने आया है जिसके बाद भाजपा के एक विधायक ने शिवसेना के शासन वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका पर निशाना साधा है.

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वीडियो पर बरसते हुए भाजपा विधायक नितेश राणे ने कहा कि यह दिखाता है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) मरीजों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं देती है. इस वीडियो में मुंबई के सायन इलाके में लोकमान्य तिलक म्युनिसिपल जनरल अस्पताल में इलाज करा रहे कोविड-19 मरीजों के पास कथित तौर पर कुछ शव रखे दिखाई दे रहे हैं.

भाजपा नेता ने बीएमसी पर लगाया लापरवाही का गंभीर आरोप

राणे ने बुधवार रात को टि्वटर पर इस वीडियो को टैग किया. भाजपा नेता ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘सायन अस्पताल ने कोविड-19 बीमारी से मरने वाले लोगों के शवों के साथ इस बीमारी के मरीजों को रखकर घोर लापरवाही बरती है. बीएमसी सबसे अमीर नगर निकाय होने का दम भरता है लेकिन मरीजों की सुरक्षा की तरफ कोई ध्यान नहीं देता.

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उन्होंने कहा कि सायन के अस्पताल में ज्यादातर मरीज धारावी से आते हैं जो देश की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती है. उन्होंने कहा, इस तरीके से हम अपने कामकाजी वर्ग से पेश आते हैं? चिकित्सा कर्मियों और सायन अस्पताल की ऐसी लापरवाही से कोरोना वायरस संक्रमण और अधिक फैल सकता है.

बवाल के बाद अस्पताल के डीन डॉ प्रमोद इंगले ने दी सफाई

वीडियो के सामने आने के बाद विवाद उत्पन्न होने पर अस्पताल के डीन डॉ प्रमोद इंगले ने कहा कि कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के रिश्तेदारों ने शवों को ले जाने से इनकार कर दिया है.

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उन्होंने कहा, इसलिए शवों को ऐसे रखा गया. हमने अब शवों को हटा दिया है और मामले की जांच कर रहे हैं. यह पूछने पर कि शवों को मुर्दाघर क्यों नहीं ले जाया गया, इस पर इंगले ने कहा, अस्पताल के मुर्दाघर में 15 निर्धारित जगह हैं जिनमें से 11 पहले ही भरी हुई हैं.

अगर हम सभी शवों को मुर्दाघर में रखते तो इससे कोविड-19 के अलावा अन्य बीमारियों से मरने वाले लोगों के शवों के लिए परेशानी पैदा होगी. बुधवार तक मुंबई में कोविड-19 के 10,527 मामले सामने आए और 412 लोगों की मौत हुई.

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