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लॉकडाउन : मां की मौत की खबर सुनकर रायपुर से वाराणसी के लिए पैदल चल पड़ा मुरकिम

25 मार्च को खबर आई की मां मर गयी, उसके बाद हमने वाराणसी जाने के लिए तमाम तरह के विकल्प ढूंढा लेकिन कुछ नहीं मिला तो, अपने दोस्तों के साथ पैदल ही निकल पड़ा. यह कहना है वाराणसी निवासी और रायपुर में मजदूरी का काम कर रहे मुरकिम का.

By AvinishKumar Mishra | March 28, 2020 8:39 AM

रायपुर : ’25 मार्च को खबर आई की मां मर गयी, उसके बाद हमने वाराणसी जाने के लिए तमाम तरह के विकल्प ढूंढा लेकिन कुछ नहीं मिला तो, अपने दोस्तों के साथ पैदल ही निकल पड़ा.’ यह कहना है वाराणसी निवासी और रायपुर में मजदूरी का काम कर रहे मुरकिम का.

मुरकिम रायपुर से वाराणसी के लिए अपने दोस्तों के साथ पैदल निकल पड़े हैं. लगभग 20 किमी चलने के बाद मुरकिम कोरिया जिले पहुंचे हैं. मुरकिम ने बताया कि 20 किमी तक आने में हमें कई लोगों ने मदद कई जगहों पर लिफ्ट मिला और एक दुकानदार ने हमें बहुत मदद की.

मुरकिम के एक दोस्त ने बताया कि अभी हम बैकुंठपुर पहुंचे हैं. अभी भी वाराणसी बहुत दूर है. बैकुंठपुर में हमलोंगो को एक दवा दुकानदार ने मदद किया. आज हम लोग फिर आगे निकलेंगे.

21 दिनों का लॉकडाउन– देश भर में कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार 21 दिनों के लिए लॉकडाउन करने का फैसला किया है. इस दौरान देश में रेलवे, बस सहित सभी सार्वजनिक सेवाएं बंद रहेगी. सरकार ने इसके साथ ही सभी लोगों से अपने घरों में रहने के लिए कहा है.

तबीयत खराब थी तो रायपुर से मेरठ निकल पड़ा– एसे ही एक कहानी मेरठ के नफीस की है. रिश्तेदार की तबीयत खराब थी और लॉकडॉउन के बीच बस-ट्रेनें सबकुछ बंद हैं. ऐसे में मेरठ निवासी एक व्यक्ति छत्तीसगढ़ से पुराने स्कूटर से अपने घर चला गया. हालांकि रास्ते में उसे कई जगह रोका गया, मगर उसने रिश्तेदार की तबीयत खराब है की बात कहकर आगे बढ़ता गया.

मेरठ के मवाना का रहने वाले नफीस छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से चलकर मवाना मेरठ जाना चाहता था, मगर ट्रेन बस आदि वाहन बंद होने के कारण उसे कुछ नहीं सूझा तो वह स्कूटर से ही चल दिया.

गुरुवार को बजाज प्रिया स्कूटर संख्या-ओआईए- 5990 से सासनी पहुंचे नफीस को चेकिंग कर रहे एसआई ने रोका तो उसने बताया कि उसे अपने घर मवाना मेरठ जाना है.

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