कर्नाटक में उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न मामले में नामजद आरोपी मुरुगा मठ के संत शिवमूर्ति मुरुग शरनारू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इसकी जानकारी एडीजीपी, कानून व्यवस्था कर्नाटक आलोक कुमार ने दी.
न्यायाधीश के समक्ष महंत को किया जाएगा पेश
एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर, आलोक कुमार ने बताया मुरुगा मठ के शिवमूर्ति मुरुग शरनारू को गिरफ्तार करने के बाद न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाएगा. महंगा का मेडिकल टेस्ट कराया जाएगा.
The arrested chief pontiff of Sri Murugha Mutt, Shivamurthy Murugha Sharanaru who was accused of sexually assaulting minors will be produced before judge. Medical test and investigation will be done as per the procedure: Alok Kumar, ADGP Law and Order, Karnataka pic.twitter.com/O20WwomUjT
— ANI (@ANI) September 1, 2022
मुरुगा मठ के महंत की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक टली
चित्रदुर्ग की एक स्थानीय अदालत ने मुरुगा मठ द्वारा संचालित एक उच्च विद्यालय की लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न मामले में मठ के प्रमुख महंत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारु की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी है. इस बीच अधिवक्ताओं के एक समूह ने कर्नाटक उच्च न्यायालय की निगरानी में मामले की जांच कराये जाने की मांग की है. महंत के खिलाफ बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मुकदमा दायर किया गया है। चुनावी राज्य में राजनीतिक दल शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू के खिलाफ आरोपों पर फूंक-फूंककर कदम उठा रहे हैं, इस बीच स्थानीय अदालत ने बृहस्पतिवार को प्रभावशाली लिंगायत मठ के प्रमुख महंत की जमानत याचिका की सुनवाई स्थगित करने का आदेश जारी किया.
मुरुगा स्वामी के खिलाफ जांच निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से नहीं की जा रही : अधिवक्ताओं के एक समूह का दावा
अधिवक्ताओं के एक समूह ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर दावा किया है कि नाबालिग लड़कियों के कथित यौन शोषण मामले में चित्रदुर्ग स्थित मुरुगा मठ के शिवमूर्ति मुरुगा स्वामी के खिलाफ जांच निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से नहीं की जा रही है. अधिवक्ता सिद्धार्थ भूपति, श्रीराम टी नायक, गणेश प्रसाद बी एस, गणेश वी और पोन्नाना केए ने कहा, यहां आरोपी एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते जांच अधिकारी द्वारा तलब नहीं किया जा रहा है, गिरफ्तार होने की तो बात ही छोड़ दें. पत्र में आरोप लगाया गया कि चित्रदुर्ग के विधायक थिप्पारेड्डी नियमित रूप से महंत के पास जाते रहे हैं और आरोपी को समर्थन दे रहे हैं. इसमें कहा गया कि गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र प्रेस बयान जारी कर कह रहे हैं कि मठ का एक कर्मचारी स्वामीजी के खिलाफ साजिश कर रहा है.
बसवराजन और उनकी पत्नी पर महंत के खिलाफ साजिश रचने का आरोप
मठ के प्रशासनिक अधिकारी एस के बसवराजन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह महंत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारु के खिलाफ किसी साजिश में शामिल नहीं हैं और उन्होंने बच्चों की रक्षा करने की कोशिश कर अपना कर्तव्य निभाया है. मठ के अधिकारियों ने पूर्व विधायक बसवराजन और उनकी पत्नी पर महंत के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था.
आने वाले दिनों में सभी को सब कुछ पता चल जाएगा, बच्चे सही हैं, तो उन्हें न्याय मिलेगा : बसवराजन
बसवराजन ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि आने वाले दिनों में सभी को सब कुछ पता चल जाएगा और अगर बच्चे सही हैं, तो उन्हें न्याय मिलेगा. इस बीच बसवराजन और उनकी पत्नी को यहां की एक अदालत ने यौन उत्पीड़न और अपहरण के एक मामले में जमानत दे दी. उनके खिलाफ यह शिकायत एक महिला ने दर्ज कराई थी और कहा जाता है कि शिकायतकर्ता मठ की एक कर्मचारी है। बसवराजन ने कहा कि उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ मामला पूरी तरह से गलत और महंत तथा चार अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर जवाबी आरोप है.
महंत के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज
महंत ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर की थी, लेकिन उनके खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अतिरिक्त आरोप भी जोड़े गये, क्योंकि दो पीड़ितों में से एक अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय की है. द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत ने पहले पॉक्सो अधिनियम के तहत जमानत याचिका पर आपत्तियों को लेकर बाल संरक्षण इकाई को नोटिस जारी किया था. अब एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अतिरिक्त आरोप शामिल किये जाने की पृष्ठभूमि में जमानत याचिका पर अब पुलिस (अभियोजन) की आपत्तियां भी जरूरी हो गयी हैं.
क्या है मामला
इस मामले में महंत के अलावा पांच और व्यक्ति आरोपी हैं, जिनमें मठ के छात्रावास का एक वार्डन भी शामिल है. ऐसा आरोप है कि मठ द्वारा संचालित स्कूल में पढ़ने और छात्रावास में रहने वाली 15 और 16 वर्ष की दो लड़कियों का यौन-उत्पीड़न जनवरी 2019 से लेकर जून 2022 तक किया गया था. महंत के खिलाफ पॉक्सो एवं एससी/एसटी अत्याचार निवारण कानून के अलावा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.