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मुस्लिम सैनिकों ने भी कारगिल जीतने में मदद की, गीता को सेना पाठ्यक्रम में शामिल के प्रस्ताव पर बोली कांग्रेस

भारतीय सेना के पाठ्यक्रम में भगवत गीता और कौटिल्य अर्थशास्त्र को शामिल करने के प्रस्ताव पर कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने संदेह जताया है. उन्होंने कहा कि सरकार को कम से कम सैन्य मामलों में राजनीति नहीं करनी चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2021 7:38 AM

भारतीय सेना के पाठ्यक्रम में भगवत गीता और कौटिल्य अर्थशास्त्र को शामिल करने की मांग उठ रही थी. ऐसे में कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने इस प्रस्ताव की निंदा की है. उन्होंने कहा कि सरकार को कम से कम सेना से जुड़े मामलों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा, ‘कम से कम सरकार को सैन्य मामलों में राजनीति नहीं करनी चाहिए, हमने मुस्लिम सैनिकों की मदद से कारगिल युद्ध जीता.’

उनकी टिप्पणी कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट (सीडीएम) की ओर से किए गए एक हालिया आंतरिक अध्ययन के बाद आई है. जिसमें कौटिल्य के अर्थशास्त्र और भगवत गीता जैसे प्राचीन भारतीय ग्रंथों से वर्तमान सैन्य प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में ‘प्रासंगिक शिक्षाओं’ को शामिल करने के तरीकों की खोज करने की सिफारिश की गई है.

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अध्ययन ने इस संभावना पर शोध करने के लिए एक ‘भारतीय संस्कृति अध्ययन मंच’ और एक समर्पित संकाय स्थापित करने का भी सुझाव दिया. बता दें कि तेलंगाना के सिकंदराबाद स्थित सीडीएम में एक त्रि-सेवा सैन्य प्रशिक्षण संस्थान है, जहां सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को उच्च रक्षा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित और तैयार किया जाता है.

एक रिपोर्ट के अनुसार, “प्राचीन भारतीय संस्कृति, युद्ध तकनीक के गुण और वर्तमान में रणनीतिक सोच और प्रशिक्षण में इसका समावेश” शीर्षक वाली परियोजना मुख्यालय एकीकृत रक्षा कर्मचारियों की ओर से प्रायोजित की गई थी.

इस परियोजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों में रणनीतिक सोच और नेतृत्व के संदर्भ में चुनिंदा प्राचीन भारतीय ग्रंथों की खोज करना था. जोड़ना, अंततः उनसे सर्वोत्तम और सबसे प्रासंगिक प्रथाओं और विचारों को अपनाने के लिए एक रोडमैप स्थापित करना. एक शीर्ष रक्षा अधिकारी ने कहा, ‘यह राज्य शिल्प, सैन्य कूटनीति, अन्य क्षेत्रों में हो सकता है.’

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Posted By Ashish Lata

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