जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की चीफ महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने एक बार फिर विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि गुजरात या उत्तर प्रदेश जैसे हालात उत्पन्न करने की कोशिश की जा रही है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को उकसाया जा रहा है, ताकि वे प्रतिक्रिया दें और उन्हें (भाजपा वालों को) गुजरात या उत्तर प्रदेश जैसे कांड करने का मौका मिल जाये.
महबूबा मुफ्ती ने भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की तुलना अंग्रेजों से की. कहा कि जब ब्रिटिश शासक थे, तो उन्होंने हिंदुओं (Hindu) को मुसलमानों (Muslim) के खिलाफ खड़ा कर दिया था. आज भाजपा वही काम कर रही है. देश के प्रधानमंत्री सब कुछ चुपचाप देख रहे हैं. महबूबा ने कहा कि चूंकि प्रधानमंत्री कुछ नहीं बोल रहे हैं, उनकी पार्टी को लगता है कि वह जो कुछ भी कर रही है, वह सही है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को गुजरात मॉडल में तब्दील करने की कोशिश हो रही है, उत्तर प्रदेश मॉडल में बदलने की कोशिश हो रही है, असम मॉडल में तब्दील करने की कोशिश हो रही है. आप कुछ भी कह सकते हैं. आज राज्यों के मुख्यमंत्रियों में इस बात की होड़ मची है कि मुस्लिमों को सबसे ज्यादा कौन परेशान कर सकता है. इसलिए मंदिर और मस्जिद के विवाद उठाये जा रहे हैं.
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एक दिन पहले असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्व सरमा ने मदरसों पर एक बयान दिया था. हिमांता बिस्व सरमा ने कहा था कि मदरसा शिक्षा का केंद्र होना चाहिए, ताकि विद्यार्थी ये तय कर सकें कि भविष्य में उन्हें क्या करना है. उन्हें क्या बनना है.असम के सीएम ने यह भी कहा था कि किसी भी धार्मिक संस्थान में प्रवेश उस उम्र में होना चाहिए, जहां वे अपने निर्णय खुद ले सकें.
Muslims being provoked to react so that these people get a chance to execute another episode like that in Gujarat or UP.The British pitted Hindus against Muslims, today BJP is doing it. PM is watching silently. His party thinks it means what they're doing is right: Mehbooba Mufti pic.twitter.com/Fpz0cQl4tr
— ANI (@ANI) May 23, 2022
हिमंता बिस्व सरमा पहले भी कह चुके हैं कि मदरसों में आधुनिक शिक्षा देने की व्यवस्था होनी चाहिए. इस वक्त मदरसों में बच्चों को कट्टरपंथ की शिक्षा दी जाती है. जब वे यहां से निकलते हैं, तो आतंकवाद के रास्ते पर चले जाते हैं. मदरसों को शिक्षा का केंद्र बनाना होगा. मदरसों को अन्य शिक्षण संस्थानों की तरह बच्चों को पढ़ाना होगा. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो असम में मदरसों को बंद कर दिया जायेगा.