एमवी गंगा विलाज पोत पड़ोसी देश बांग्लादेश से गुजरने के बाद शुक्रवार को असम पहुंच गया। इसे दुनिया का सबसे लंबा ‘रिवर क्रूज’ जहाज बताया जा रहा है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जहाज भारत-बांग्लादेश सीमा के पास धुबरी में ‘जीरो प्वाइंट’ को पार कर गया और यह एम मार्च तक राज्य के पूर्वी छोर डिब्रूगढ़ तक पहुंचने की अपनी यात्रा जारी रखेगा।
एमवी गंगा विलाज असम में 13 दिनों की यात्रा करने वाला है और यह धुबरी, जोगीघोपा, पांडू (गुवाहाटी), काजीरंगा और माजुली से होते डिब्रूगढ़ पहुंचेगा. इस आलीशान जहाज के भारत के पांच राज्यों और बांग्लादेश समेत 27 नदियों से होते हुए 3,200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने की योजना है. बयान में कहा गया है कि जहाज पहले ही उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की यात्रा कर चुका है.
एमवी गंगा विलाज को 13 जनवरी को प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में वाराणसी से हरी झंडी दिखाई थी। इसे भारत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाले समृद्ध ऐतिहासिक स्थलों को दिखाने के मकसद से तैयार किया गया है. वाराणसी में प्रसिद्ध ‘गंगा आरती’ और बौद्ध धर्म में अत्यंत महत्व रखने वाला स्थल सारनाथ, पश्चिम बंगाल में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल सुंदरबन, असम में अपनी तांत्रिक कला के लिए मशहूर मायोंग और सबसे बड़े नदी द्वीप एवं वैष्णव संस्कृति का केंद्र माजुली उन जगहों में शामिल है जहां से एमवी गंगा विलाज के यात्री होकर गुजरेंगे.
केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इससे पहले कहा था कि जहाज में स्विट्जरलैंड से 32 यात्री होंगे और इनमें से 14 कोलकाता उतर जाएंगे और फिर इतनी ही संख्या में यात्रियों के साथ जहाज डिब्रूगढ़ के लिए रवाना होगा जहां से वे वापस नयी दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे. उन्होंने कहा था कि उसी देश के 32 पर्यटकों का एक और समूह वाराणसी जाने के लिए जहाज पर सवार होगा. सोनोवाल ने यह भी कहा था कि एमवी गंगा विलाज भारत में नदी क्रूज पर्यटन के एक नए युग की शुरुआत करेगा.