केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सरकार मणिपुर में स्थायी शांति के लिए मेइती और कुकी दोनों समुदायों से बातचीत कर रही है और उसने घुसपैठ रोकने के लिए म्यांमा से लगती देश की सीमा पर बाड़ लगाना शुरू कर दिया है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शाह ने कहा कि पिछले सप्ताह तीन दिनों की हिंसा को छोड़ दिया जाए तो मणिपुर में स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रही है और सरकार अशांत पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल करने के लिए काम कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम शांति बनाए रखने के लिए दोनों समुदायों से बात कर रहे हैं. हम मणिपुर में स्थायी शांति के लिए एक खाका भी तैयार कर रहे हैं.’’
गृह मंत्री ने कहा कि म्यांमा के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 30 किलोमीटर तक बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है. उन्होंने बताया कि कुल 1,500 किलोमीटर के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी गई है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने उस ‘भारत-म्यांमा मुक्त आवागमन व्यवस्था’ (एफएमआर) को पहले ही समाप्त कर दिया है, जो भारत-म्यांमा सीमा के निकट रह रहे लोगों को बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर भीतर तक जाने की अनुमति देती थी.
उन्होंने कहा, ‘‘अब लोग वीजा के साथ ही एक-दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे.’’
मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश से लगने वाली 1,643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमा सीमा पर एफएमआर लागू था. इसे भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के तहत 2018 में लागू किया गया था.
मणिपुर में पिछले वर्ष तीन मई को बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला गया था और इस दौरान हिंसा भड़क गई थी. तब से जारी हिंसा में कुकी और मेहती समुदायों के 220 से अधिक लोग और सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं.