Corona Vaccine: कोरोना टीकाकरण अभियान चार दिन बाद यानी 16 जनवरी से पूरे देश में भी शुरू होने जा रहा है. पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने की योजना है. इसको लेकर सरकार और प्रशासन तैयारी में जुटा हुआ है. टीका लगाने से पूर्व व्यवस्था का आकलन करने के लिए दो बार ड्राइ रन (रिहर्सल) भी किया गया. इसमें रिहर्सल कर टीका लगाने का अभ्यास किया गया. हालांकि कोरोना वायरस के टीका को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. आज की रिपोर्ट में विशेषज्ञों से ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण सवाल पूछे गये, जिसका उन्होंने जवाब दिया… जानिए हर सवाल के जवाब
कोरोना टीकाकरण के लिए पंजीयन करना जरूरी होगा़ इसके लिए सरकार द्वारा अलग से सेल बनाया गया है. आधार नंबर से इसकी मॉनिटरिंग होगी : टीका चिन्हित किये गये व्यक्ति को लगा या नहीं? किसी प्रकार की समस्या तो नहीं हुई? पहला टीका लगाने के बाद व्यक्ति को दूसरा डोज कब देना है?
कोरोना वायरस से बचाव के लिए बने इस टीका का दो डोज है. पहला डोज लेने के 28 दिन बाद दूसरा डोज दिया जायेगा. सरकार खुद इसकी निगरानी करेगी, जिससे लाेगों को फुल डोज लगाया जा सके. पहले डोज का टीका लगाते समय ही किसी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत अस्पताल आने की जानकारी दी जायेगी.
कोरोना का टीका लगाने के बाद उसका असर कुछ दिन बाद ही दिखेगा. यानी शरीर को एंटी बॉडी बनाने में समय लग सकता है. शोधकर्ताओं के अनुसार यह समय 40 से 60 दिनों का हो सकता है. इसलिए मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन जरूरी होगा. वैैक्सीन लगाने के बाद यह नहीं है कि बेपरवाह होकर इधर-उधर भ्रमण करें. इम्युनिटी तैयार होने के बाद ही कोरोना के फैलाव को कम किया जा सकता है.
रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट व वैज्ञानिकों द्वारा परीक्षण के बाद ही टीका लाया जाता है. कोरोना के टीका में भी ऐसा ही किया गया है. टीका के हर स्टेज और परीक्षण का लिखित दस्तावेज होता है. टीका तैयार करने के बाद केंद्र सरकार व स्वास्थ्य मंत्रालय से अनुमति लेनी होती है. जांच-पड़ताल के बाद सरकार टीका लगाने की अनुमति देती है. कोरोना टीकाकरण के लिए भी आपातकाल अनुमति ली गयी है. आइसीएमआर भी पूरी प्रक्रिया की निगरानी करता है, इसलिए टीका पूरी तरह सुरक्षित है.