नयी दिल्ली : कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) और नाबार्ड ने कृषि और कृषि से जुड़े क्षेत्रों के बीच बेहतर तालमेल बनाते हुए सभी संबंधित हितधारकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से समझौता ज्ञापन पर गुरुवार को हस्ताक्षर किये. समझौता ज्ञापन पर एपीडा के सचिव डॉ सुधांशु और नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर निलय डी कपूर ने हस्ताक्षर किये.
वर्चुअल आयोजित इस कार्यक्रम में एपीडा के चेयरमैन डॉ एम अंगमुथु और नाबार्ड के चेयरमैन डॉ जीआर चिंताला भी मौजूद थे. उन दोनों ने कृषि निर्यात नीति के लिए एपीडा और नाबार्ड की साझेदारी को आज की जरूरत बताया. साथ ही इसके फायदे के बारे में भी जानकारी दी.
समझौते के तहत एपीडा और नाबार्ड एक साथ मिलकर संबंधित हितधारकों के क्षमता विकास में योगदान करेंगे. साथ ही लोगों तक पहुंच के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे और जागरूकता कार्यक्रम चलायेंगे. इसके अलावा हितधारकों के लिए कार्यशाला भी आयोजन करेंगे.
किसानों की आय दोगुनी करने के भारत सरकार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आय बढ़ाने के जरूरी कदम भी एपीडा और नाबार्ड उठायेंगे. नाबार्ड और एपीडा एफपीओ के विकास के लिए जरूरी योजनाएं और कदम उठायेंगे. इससे किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सकेगा.
एपीडा, नाबार्ड के साथ मिलकर एक कार्यक्रम तैयार करेगा, जो सहकारी समितियों, एफपीओ को तकनीकी सहायता देगा. इस कार्यक्रम के जरिये एपीडा द्वारा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्धारित उत्पादों के लिए कटाई के बाद, आधारभूत संरचनाओं का विकास होगा.
एपीडा और नाबार्ड दोनों संस्थाएं मिलकर राज्यों में क्लस्टर की पहचान करेंगी. एपीडा, एफपीओ द्वारा बनाये उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करेगा. इसमें नाबार्ड भी अहम भूमिका निभायेगा.
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