जेपी नड्डा की अध्यक्षता में बीजेपी की अहम बैठक, लोकसभा, विधानसभा चुनावों की रणनीति को लेकर हुई चर्चा
भाजपा के एक नेता ने बताया कि बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा हुई. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (जेपी नड्डा) ने इस साल के अंत में होने वाले कई राज्यों में विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर आज पार्टी नेताओं की एक रणनीतिक बैठक की अध्यक्षता की. यह बीजेपी के लोकसभा प्रवास कार्यक्रम से जुड़े नेताओं की एक बैठक थी. इस बैठक का उद्देश्य लगभग 160 लोकसभा सीटों पर अपनी संभावनाओं को मजबूत करना था. इनमें से अधिकांश सीटों पर 2019 में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी ने 2019 में 543 लोकसभा सीटों में से 303 पर जीत दर्ज की थी.
निर्वाचन क्षेत्रों में बागपत और रोहतक जैसी सीटें भी शामिल
जानकारी के लिए बता दें इन निर्वाचन क्षेत्रों में बागपत और रोहतक जैसी सीटें भी शामिल हैं, जहां भाजपा ने मामूली अंतर से जीत दर्ज की थी. बैठक के दौरान उन निर्वाचन क्षेत्रों के लिए रणनीति भी एजेंडे में थी, जहां भाजपा ने पिछली बार चुनाव नहीं लड़ा था. ऐसे क्षेत्रों में वह सारी सीट शामिल हैं जिन पर जनता दल (यूनाइटेड) जैसे उसके तत्कालीन सहयोगियों ने उम्मीदवार उतारे थे.
लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर भी हुई चर्चा
भाजपा के एक नेता ने बताया कि बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा हुई. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले विधानसभा चुनावों का यह अंतिम दौर होगा. कर्नाटक में हाल में कांग्रेस से मिली हार के बाद भाजपा आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
बैठक में कौन कौन हुए शामिल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जेपी नड्डा की अध्यक्षता में की गयी इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, सुनील बंसल और पार्टी नेता हरीश द्विवेदी और संबित पात्रा मौजूद रहे. केवल यहीं नहीं, इस बैठक में लोकसभा क्लस्टर प्रभारी, लोकसभा प्रवास योजना के लिए जिम्मेदारी दिए गए पार्टी नेता, राज्यों के पर्यवेक्षक, संयोजक और सह-संयोजक भी मौजूद रहे. (भाषा इनपुट के साथ)