‘पैसे से न्याय नहीं मिलेगा,दोषी अधिकारियों को मिले सजा’, नगालैंड फायरिंग में मारे गये मृतकों के परिजन की मांग
Nagaland Violence : शादी समारोह में शामिल होने के बाद दोनों भाईयों ने पूरे सप्ताह खदान में काम किया. इसके बाद वे शनिवार की रात चर्च सेवा के लिए गांव की ओर निकले. यह उनकी अंतिम यात्रा थी.
नगालैंड फायरिंग का मामला गरमाया हुआ है. नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 14 ग्रामीणों के मौत के बाद से वहां का माहौल गमहीन है. जब मृतकों को शव ओटिंग गांव पहुंचा तो हर किसी की आंखें नम थीं. इन शवों में दो जुड़वा भाईयों लैंगवांग और थापवांग के शव भी शमिल थे. दोनों पिछले सोमवार को गांव के ही 38 वर्षीय होकुप की शादी में शामिल हुए थे. शादी में शिरकत के बाद वे छह किलोमीटर दूर कोयले की खदान में काम करने चले गये.
बताया जा रहा है कि नगालैंड फायरिंग के पहले और शादी समारोह में शामिल होने के बाद दोनों भाईयों ने पूरे सप्ताह खदान में काम किया. इसके बाद वे शनिवार की रात चर्च सेवा के लिए गांव की ओर निकले. दोनों एक पिकअप ट्रक में सवार थे लेकिन दोनों को यह नहीं पता था कि ये यात्रा उनकी अंतिम यात्रा होगी. दोनों इसके बाद कभी घर वापस नहीं लौटेंगे. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने इस संबंध में एक खबर प्रकाशित की है.
अखबार से गांव वालों ने बातचीत करते हुए कहा कि सभी की मौत के बदले सरकार मुआवजा देने का काम कर रही है. हमें पैसे से न्याय नहीं मिलने वाला है. ग्रामीणों की मौत के लिए सेना के जिम्मेदार अधिकारियों को सजा मिलनी ही चाहिए.
11 लाख रुपये और नौकरी का एलान
नगालैंड के सीएम नेफ्यू रियो ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रत्येक पीड़ित के परिवारों को 11 लाख की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. इधर, नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन का छह घंटे का बंद शांतिपूर्ण रहा. हालांकि, कुछ स्थानों पर बंद के दौरान सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई.
Also Read: Breaking News: नगालैंड में गोलीबारी मारे गये लोगों का अंतिम संस्कार, सीएम ने की आफस्पा हटाने की मांग
मोन कस्बे में धारा 144 लागू
नगालैंड पुलिस ने सोमवार को सेना के 21वें पैरा स्पेशल फोर्स के खिलाफ नागरिकों पर गोलीबारी में कथित संलिप्तता के लिए हत्या का मामला दर्ज किया. अधिकारियों ने बताया कि मौन कस्बे में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण है.
मृतकों की संख्या पर रहा भ्रम
नगालैंड के मौन जिले में आम नागरिकों पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मरने वालों की संख्या को लेकर सोमवार को भ्रम की स्थिति बनी रही. शीर्ष आदिवासी संगठन, कोन्यक यूनियन ने दावा किया कि घटना में 17 लोग मारे गये, लेकिन बाद में संगठन ने मृतकों की संख्या को संशोधित कर 14 कर दिया.
Posted By : Amitabh Kumar