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Namami Ganga Mission: उत्तर प्रदेश और बिहार में सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी 4 बड़ी परियोजनाएं हुई पूरी

नमामि गंगा योजना के तहत उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कई योजनाओं पर काम चल रहा है और कई योजना पूरी हो चुकी है.

By Vinay Tiwari | October 17, 2024 6:18 PM
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Namami Ganga Mission: गंगा को स्वच्छ और अविरल बनाने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए गये हैं. गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए नमामि गंगा मिशन के तहत योजनाओं के क्रियान्वयन का काम हो रहा है. नमामि गंगे मिशन 2.0 के तहत जल शक्ति मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में चार प्रमुख परियोजनाओं को पूरा किया है. उत्तर प्रदेश और बिहार में स्थित ये परियोजनाएं विशेष तौर पर सीवेज को नदी में गिरने से रोकने के लिए बनायी गयी है. इसका मकसद जल गुणवत्ता में सुधार करना है ताकि नदियों को प्रदूषण से मुक्त किया जा सके.

इन परियोजनाओं के पूरा होने से गंगा नदी की पवित्रता और उसकी सहायक नदियों को स्वच्छता को बनाए रखने में मदद मिलेगी. इन परियोजनाओं की कुल लागत 492 करोड़ रुपये है. पटना के दानापुर में इंटरसेप्शन और डायवर्सन नेटवर्क के साथ 25 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी का निर्माण पूरा हो चुका है, जिसकी लागत 103 करोड़ रुपये है. इसके अतिरिक्त, मनेर में भी 6.5 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी और इंटरसेप्शन एवं डायवर्सन नेटवर्क का निर्माण पूरा हो चुका है, जिसकी कुल लागत 70 करोड़ रुपये है. 

वहीं, उत्तर प्रदेश के कैराना में 15 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी और इंटरसेप्शन एवं डायवर्सन नेटवर्क का निर्माण पूरा हो चुका है, जिसकी लागत 78 करोड़ रुपए है. यमुना नदी पर स्थित यह परियोजना डीबीओटी मॉडल पर आधारित है. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के लखनऊ में गोमती नदी के कायाकल्प के लिए एक प्रमुख परियोजना के तहत 241 करोड़ रुपये की कुल लागत से 39 एमएलडी एसटीपी का सफलतापूर्वक निर्माण पूरा किया जा चुका है.


विश्व बैंक भी कर रहा है मदद


विश्व बैंक की वित्तीय सहायता से नमामि गंगे मिशन 2.0 के तहत स्वीकृत सहारनपुर परियोजना के विकास के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है. सहारनपुर में हिंडन नदी की सहायक नदियों, पांवधोई और धमोला, के संरक्षण के लिए त्रिपक्षीय समझौता किया गया है. यह समझौता एनएमसीजी, उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण), और मेसर्स ईआईईएल इंफ्रा इंजीनियर्स (सहारनपुर) प्राइवेट लिमिटेड (मेसर्स एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स लिमिटेड, मेसर्स भुगन इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड, और मेसर्स माइक्रो ट्रांसमिशन सिस्टम के एसपीवी का एक संघ है) के बीच किया गया है.

 इस परियोजना में 135 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, सीवेज पंपिंग स्टेशन और इंटरसेप्शन संरचनाओं का निर्माण शामिल है, जिसकी कुल लागत 344 करोड़ रुपये है. यह परियोजना हाइब्रिड एन्युटी पीपीपी मॉडल पर संचालित होगी और इसमें 15 वर्षों का संचालन और रखरखाव प्रावधान शामिल है. गौरतलब है कि नमामि गंगा योजना के तहत उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कई योजनाओं पर काम चल रहा है और कई योजना पूरी हो चुकी है. 

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