Narada Case कोलकाता हाई कोर्ट के निर्देश पर नारदा स्टिंग मामले में पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी के समन पर सोमवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के अधिकारी उनके सामने पेश हुए. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई दोनों को समन जारी करते हुए पेश होने को कहा था. वहीं, ईडी ने आज कोलकाता हाईकोर्ट में स्पीकर के समन के खिलाफ अपील की है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने दोनों जांच एजेसिंयों (CBI, ED) के अधिकारियों को यह समन इसलिए भेजा था, क्योंकि अधिकारियों ने निर्वाचित सदस्यों पर कार्रवाई से पहले विधानसभा स्पीकर से अनुमति नहीं ली थी. स्पीकर के तलब पर केंद्रीय एजेंसियों ने पत्र देकर कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष को अधिकारियों को तलब करने का अधिकार नहीं है. लेकिन, स्पीकर बिमान बनर्जी उस तर्क से संतुष्ट नहीं थे.
Kolkata | CBI team probing the Narada case appeared before West Bengal Assembly Speaker after the order passed by Calcutta High Court
— ANI (@ANI) October 4, 2021
The Speaker had summoned both ED and CBI as the actions were taken against elected representatives without informing him. pic.twitter.com/AHwQDaDop9
बता दें कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी की सरकार बनते ही उनके मंत्रियों के खिलाफ सीबीआई ने कार्रवाई शुरू कर दी थी. नारदा मामले में मई में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के चार मंत्रियों फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था. इन सभी की गिरफ्तारी का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कड़ा विरोध जताया था.
उल्लेखनीय है कि साल 2016 में बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग मामले का खुलासा किया गया था. दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे. इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक और कोलकाता के मेयर को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से रकम लेते दिखाया गया था. यह स्टिंग ऑपरेशन नारदा न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने किया था. साल 2017 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन टेप की जांच का आदेश सीबीआई को दिया था.
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