नारकोटिक्स जिहाद विवाद: केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल ने कहा, धार्मिक सद्भाव व सहयोग बढ़ाना जरूरी
नारकोटिक्स जिहाद विवाद पर केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हम सर्वसम्मति से उन प्रथाओं को खारिज करते हैं, जो समुदाय के समृद्ध जीवन के उद्देश्य से पादरियों की चेतावनियों की दुर्भावनापूर्ण व्याख्या व अतिशयोक्ति करके धार्मिक सद्भाव व स्वस्थ सह अस्तित्व को कमजोर करते हैं.
Narcotics Jihad Controversy नारकोटिक्स जिहाद टिप्पणी से उत्पन्न विवाद के बीच केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल ने बुधवार को अपनी प्रतिक्रिया दी है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नशीले पदार्थों के जिहाद विवाद के मद्देनजर केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल का कहना है कि हम सर्वसम्मति से उन प्रथाओं को खारिज करते हैं, जो समुदाय के समृद्ध जीवन के उद्देश्य से पादरियों की चेतावनियों की दुर्भावनापूर्ण व्याख्या और अतिशयोक्ति करके धार्मिक सद्भाव और स्वस्थ सह-अस्तित्व को कमजोर करते हैं.
इससे पहले बीते दिनों केरल के कैथोलिक बिशप काउंसिल ने वहां के बिगड़ते माहौल पर चिंता जाहिर करते हुए एक बयान जारी किया था. इसमें कहा गया कि केरल कुछ गंभीर सामाजिक परेशानी से जूझ रहा है. इनमें से आतंकी गतिविधियों में इजाफा और ड्रग के इस्तेमाल में बढ़ोत्तरी चिंता में डालने वाली चीजें हैं. इस बयान में कहा गया है कि कई चेतावनियों के बावजूद इन मामलों में कोई जांच नहीं की गई है. गौरतलब है कि प्रमुख कैथोलिक बिशप की ओर से केरल में गैर मुस्लिमों के खिलाफ लव और नार्कोटिक्स जिहाद का दावा किया गया था.
In wake of narcotics jihad controversy, Kerala Catholic Bishops' Council says, "We unanimously rejects practices that undermine religious harmony & healthy co-existence by maliciously interpreting & exaggerating the warnings of pastors aimed at prosperous life of the community."
— ANI (@ANI) September 29, 2021
काउंसिल की तरफ से कहा गया कि पाला बिशप मार जोसेफ कल्लारनगट्ट के बयान पर विवाद नहीं होना चाहिए. बल्कि, इस बात पर आम जनता के बीच जिम्मेदारी से चर्चा होनी चाहिए. काउंसिल के मुताबिक, सरकार को जनहित में आतंकवाद और ड्रग माफिया के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए. यह किसी समुदाय पर आक्षेप नहीं है. बल्कि, केरल समुदाय के सामने आने वाले यह गंभीर चुनौतियां हैं. काउंसिल ने आगे कहा कि यह सोचना कि इस तरह के खुलासे सांप्रदायिक भावना के तहत किए गए हैं, गलत है. काउंसिल के बयान में कहा गया कि उनका मकसद सांप्रदायिक ध्रुवीकरण नहीं है. सांप्रदायिक सद्भाव और सहयोग बढ़ाने की कोशिश है.
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