Narendra Modi: प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही नरेंद्र मोदी एक्शन में आ गए हैं. उन्होंने रविवार को दोपहर में संभावित मंत्रियों के साथ बैठक की है. बैठक में पीएम मोदी ने 100 दिन के रोडमैप पर चर्चा की है. उन्होंने सभी संभावित मंत्रियों से कहा कि 100 दिन के एजेंडे को पूरा करना है.
नरेंद्र मोदी की बैठक में सबसे आगे नजर आये ये नेता
शपथ ग्रहण से नरेंद्र मोदी ने संभावित मंत्रियों के साथ जो बैठक की है, उसमें जो नेता शामिल हुए, उसमें सबसे आगे नजर आ रहे नेताओं में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, डीके शिवकुमार, मनोहर लाल खट्टर, धर्मेंद्र प्रधान, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर, अन्नपूर्णा देवी, गिरिराज सिंह, अश्विनी वैष्णव, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, पीयूष गोयल और अन्य नजर आ रहे हैं.
मोदी की नयी टीम में ये चेहरे भी हो सकते हैं
शिवसेना के प्रतापराव जाधव, भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सी आर पाटिल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राव इंद्रजीत सिंह, नित्यानंद राय, भगीरथ चौधरी और हर्ष मल्होत्रा को भी मंत्री बनाया जा सकता है. जिन उक्त नेताओं के नाम बताए, इनमें से सभी ने रविवार को चाय पर मोदी से मुलाकात की. साल 2014 से यह एक परंपरा सी बन गई है कि मोदी मंत्रिपरिषद के गठन से पहले नेताओं को चाय पर बुलाते हैं और फिर कमाबेश वही चेहरे मंत्री पद की शपथ लेते हैं. हालांकि, संभावित मंत्रियों के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है.
सरकार में जे पी नड्डा की हो सकती है वापसी
उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद जितिन प्रसाद और महाराष्ट्र से रक्षा खडसे के भी नयी सरकार का हिस्सा होने की संभावना है. खडसे ने मीडिया से पुष्टि की कि उन्हें सरकार का हिस्सा बनने के लिए फोन आया है. बीजेपी के भीतर ऐसी अटकलें हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को भी सरकार में वापस लाया जा सकता है, जिनका विस्तारित कार्यकाल इस महीने के अंत तक समाप्त हो जाएगा. वह प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल में मंत्रिपरिषद के सदस्य थे. वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं.
टीडीपी के राम मोहन नायडू भी सकते हैं सरकार का हिस्सा
सहयोगी दलों जैसे तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के राम मोहन नायडू और चंद्रशेखर पेम्मासानी, जनता दल (यूनाइटेड) के ललन सिंह और रामनाथ ठाकुर के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के जीतन राम मांझी, जनता दल (सेक्यूलर) के एच डी कुमारस्वामी और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जयंत चौधरी को भी मंत्री बनाए जाने की संभावना है. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते बिट्टू लोकसभा चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्हें उनके ‘प्रोफाइल’ के कारण मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है. इसकी मुख्य वजह पंजाब में पैर जमाने की भाजपा को कोशिश हो सकती है. इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा वहां अपना खाता भी नहीं खोल सकी है. तेलंगाना से निर्वाचित संजय कुमार और जी किशन रेड्डी को मोदी के आवास के लिए एक साथ रवाना होते देखा गया और उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि उन्हें मंत्री के रूप में शामिल किया जा सकता है. मंत्रिपरिषद के गठन में भाजपा को लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में हुए नुकसान को भी ध्यान में रखना होगा क्योंकि इन दोनों ही राज्यों में भाजपा का प्रदर्शन अपेक्षा के विपरीत रहा है.